गुरुग्राम। बदले मौसम के साथ कभी तेज धूप तो कभी बारिश से संक्रामक बीमारियों का प्रकोप बढ़ रहा है। इससे वायरल के साथ तेज बुखार के मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है। सिर्फ जिला अस्पताल में पिछले एक सप्ताह के भीतर बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या में 25 फीसदी तक इजाफा हुआ है। इसमें भी कई मरीजों में प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से घटने की शिकायत मिली है।
चिकित्सक डेंगू की जांच कराने की भी सलाह दे रहे हैं लेकिन जांच में डेंगू की पुष्टि नहीं हो रही है। डाक्टरों ने बताया कि प्लेटलेट्स कम होना डेंगू नहीं है। किसी भी वायरल बुखार का असर शरीर में बढऩे के कारण खून की प्लेटलेट्स में गिरावट आ सकती है।
जिला नागरिक अस्पताल की ओपीडी में वर्तमान समय में प्रतिदिन 350 से अधिक बुखार के पीड़ित मरीज आ रहे हैं। निजी अस्पताल के साथ सीएचसी और पीएचसी पर भी यही हाल है। डाक्टरों ने बताया कि तेज बुखार के बढ़ते मामलों के बीच पीड़ित मरीजों के खून में प्लेटलेट्स काफी कम हो जाने के मामले सामने आ रहे हैं।
उन्होंने बताया कि 102 डिग्री फरिनहाइट या इससे अधिक तापमान होने पर तेज बुखार की स्थिति बनती है। ऐसे मरीजों के खून में प्लेटलेट्स काउंट काफी कम होने के मामले सामने आ रहे हैं। हालांकि, डेंगू बुखार नहीं होने की स्थिति में प्लेटलेट्स का काफी ज्यादा घटना अमूमन, जान पर खतरा नहीं बनता।
बुखार होने पर खून की जांच जरूर कराएं
डाक्टरों ने बताया कि मौजूदा सीजन में बुखार होने पर कंप्लीट ब्लड काउंट (सीबीसी) जांच कराने की सलाह अधिकतर मरीजों को दी जा रही है, जिससे प्लेटलेट्स काउंट आदि की स्थिति का पता चलता है। प्लेटलेट्स घटने पर समय रहते मरीज की जरूरी देखभाल हो जाने से जिंदगी खतरे में पड़ने की संभावना कम हो जाती है।