Friday, October 31, 2025

दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा—अल्पसंख्यक आयोग प्रमुख की नियुक्ति पर धर्म आधारित कोटा नहीं

- Advertisement -

दिल्ली हाई कोर्ट ने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (एनसीएम) के अध्यक्ष पद के लिए दाखिल की गई याचिका को खारिज कर दिया है. इस याचिका में सिर्फ मुस्लिम या सिख ही नहीं, दूसरे अल्पसंख्यकों (जैसे ईसाई, बौद्ध, जैन, पारसी) की नियुक्ति की मांग की गई थी. दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला की खंडपीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता अपनी शिकायत केंद्र सरकार से कर सकता है.

कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता को केंद्र सरकार से संपर्क करने की स्वतंत्रता देते हुए इस याचिका का निपटारा किया जाता है. यदि कोई प्रतिनिधित्व पेश किया जाता है तो उस पर ध्यान दिया जाएगा और सही फैसला लिया जाएगा. कोर्ट सलेक चंद जैन की तरफ से दायर की गई जनहित याचिका (पीआईएल) पर विचार कर रहा था. सलेक चंद जैन की ओर से पेश हुए वकील ने कोर्ट को बताया कि रिकॉर्ड के अनुसार, अल्पसंख्यक आयोग के 16 अध्यक्ष रहे हैं और उनमें से 14 मुस्लिम थे, जबकि दो सिख थे.

क्यों की गई याचिका में ये मांग?
वकील ने कहा कि वह यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश मांग रहे हैं कि ईसाई, बौद्ध, जैन और पारसी जैसे दूसरे अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों को भी आयोग का प्रमुख नियुक्त किया जाए. हालांकि, कोर्ट ने कहा कि राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम, 1992 की धारा 3 में यह प्रावधान नहीं है कि आयोग में सभी अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्य अनिवार्य रूप से शामिल होंगे.

कोर्ट ने कहा कि केवल प्रावधान यह है कि अध्यक्ष सहित 5 सदस्य अल्पसंख्यक समुदाय से होंगे. प्रावधान में यह बताया नहीं गया है कि अध्यक्ष के सदस्य किसी विशेष अल्पसंख्यक समुदाय से होने चाहिए. कोर्ट ने याचिका का निपटारा कर दिया और याचिकाकर्ता को केंद्र सरकार से संपर्क करने की स्वतंत्रता दी है. अब इस मामले में आगे याचिकाकर्ता की तफ से क्या कदम उठाए जाएंगे, इसको लेकर किसी तरह की जानकारी नहीं है.

Html code here! Replace this with any non empty raw html code and that's it.

Latest news

Related news