फरीदाबाद: डबुआ कॉलोनी निवासी एक बीटेक छात्र को इंस्टाग्राम आईडी पर दोस्ती करने का मैसेज भेजकर दबाव बनाया। उसके मना करने पर कुछ लेागों ने उसे समझौता करने के लिए बुलाया और बाइक पर बैठाकर अगवा कर ले गए। उसके साथ मारपीट करते हुए प्याली के पास छोड़कर फरार हो गए। खास बात ये है कि कुछ लड़कियां ईको वैन में बैठकर उसका वीडियो भी बनाती रही। घटना के बारे में किसी को बताने पर झूठे रेप केस में फंसाने और हाथ पैर तोड़ने की धमकी भी दी गई। तब से पीड़ित परिवार डर के साए में जीने को मजबूर है। हैरानी की बात ये है कि कोतवाली पुलिस को शिकायत देने के बाद भी ढाई महीने बाद डीसीपी के आदेश पर केस दर्ज किया है।
ऐसे हुई घटना की शुरूआत
डबुआ कॉलोनी निवासी मनोज कुमार ने पुलिस को दी शिकायत में कहा है कि उनका बेटा ध्रुव ग्रेटर फरीदाबाद स्थित एक निजी कॉलेज में बीटेक प्रथम वर्ष का छात्र है। उसकी इंस्टा आईडी किसी लड़की ने दोस्ती करने के लिए मैसेज किया।छात्र ने दोस्ती करने से मना कर दिया। आरोप है कि मैसेज करने वाली लड़की ने उसके साथ गाली गलौज करने लगी और मिलने पर सबक सिखाने की धमकी दी। इसके बाद छात्र ने उक्त नंबर को ब्लॉक कर दिया।
गली में आकर धमकी देकर गए आरेापी
पीड़ित ने बताया कि कुछ दिन बाद एक ब्लैक कलर की बाइक पर दो तीन लोग सवार होकर पहुंचे। सभी ने कपड़े से चेहरा ढका हुआ था। शाम के समय जब बेटा गली में निकला तो उसे रोक लिया और उससे गाली गलौज करने लगे। उसने जब विरोध किया तो दोनों में कहासुनी हो गई। शोर सुनकर आसपास के लोगों ने जब पूछताछ करने लगे तो बाइक सवार वहां से चले गए। बेटे के साथ के एक लड़के के जरिर बेटे को नीलम बाटा रोड स्थित एक इंस्टीट्यूट पर बुलाया और गलती मानकर मामले के खत्म करने को कहा। वहां आरेापियों ने उसका मोबाइल लेकर इंस्टाग्राम पर हुई चैट को जबरन डिलीट करवा दिया।
इंस्टीटयूट पर बुलाकर किया अगवा
पीड़ित ने बताया कि उनका बेटा डर के कारण मामले को खत्म करने के लिए इंस्ट्ीट्यूट चला गया। वहां हर्ष भड़ाना नामक युवक पहले से ही खड़ा हुआ था। कुछ देर बाद इंस्ट्ीट्यूट से लड़कियां भी निकलने लगी। उनमें से दो तीन ने बेटे के साथ गाली गलौज करने लगी। कुछ देर में आसपास खड़े अन्य लड़क आ गए और बेटे को जबरन एक बाइक पर बैठा लिया। पीड़ित के मुताबिक तीन बाइक पर छह सात लोग सवार होकर आए थे। तीनों बाइक में बगैर नंबर की थी। इसके बाद बेटे के साथ मारपीट करते हुए प्याली मंडी तक ले गए। इस दौरान एक कैब में बैठकर जा रही लड़कियां वीडियो बनाती रही। बाद में मंडी के पास छोड़कर घटना के बारे में किसी को बताने और पुलिस केस करने पर हाथ पैर तोड़ने और झूठे रेप केस में फंसाने की धमकी भी दी। ये घटना गत एक जुलाई की है।
ढाई माह बाद डीसीपी के आदेश पर दर्ज किया केस
पुलिस की लापरवाही का आलम ये है कि घटना के ढाई महीने बाद डीसीपी के आदेश पर पुलिस ने केस दर्ज किया है। पीड़ित का आरोप है कि वह एक जुलाई को कोतवाली थाना प्रभारी को शिकायत दी थी लेकिन पुलिस अधिकारी टालमटोल करते रहे। उनका ये भी आरेाप है कि थाना प्रभारी दो घंटे तक बेटे से पूछताछ करके पूरी तसल्ली कर ली फिर भी एफआईआर दर्ज नहीं की। आखिर में परेशान होकर 12 सितंबर को डीसीपी एनआईटी से मुलाकात कर पूरी घटना बताई। इसके बाद डीसीपी के आदेश पर कोतवाली पुलिस ने आरोपी हर्ष भड़ाना, लक्की, आसमा समेत अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया है। पीड़ित ने कोतवाली पुलिस पर आरोपियों को बचाने का भी आरोप लगाया है।