Saturday, November 15, 2025

दिल्ली को मिली 50 नई इलेक्ट्रिक बसें, सीएम ने दिखाई हरी झंडी—प्रदूषण रोकथाम की बड़ी पहल

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नई दिल्लीः राजधानी में प्रदूषण की रोकथाम के लिए दिल्ली सरकार ने दो अहम कदम उठाए हैं। पहला मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शुक्रवार को 50 आधुनिक इलेक्ट्रिक बसों की पहली खेप सड़कों पर उतारी। दूसरा प्रदूषण के प्रमुख कारकों में से एक कमर्शल गाड़ियों की फिटनेस के लिए तेहखंड डिपो में ऑटोमेटेड वीकल फिटनेस टेस्टिंग स्टेशन ( एटीएस ) का शिलान्यास किया है। सही फिटनेस जांच से गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण में कमी लाई जा सकेगी। कार्यक्रम में परिवहन मंत्री डॉ. पंकज कुमार सिंह, सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी समेत अन्य लोग मौजूद रहे।

यह प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है
बसों को हरी झंडी दिखाते हुए सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि उनकी सरकार ने सिर्फ आठ महीनों में परिवहन क्षेत्र में उल्लेखनीय काम किया है। इस अवधि में दिल्ली में 1350 नई इलेक्ट्रिक बसें बेड़े में जोड़ी गई हैं, जबकि पिछले 11 सालों में सिर्फ 2000 बसें ही सड़कों पर लाई गई थीं। उन्होंने कहा कि यह प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

50 बसों को हरी झंडी दिखाई
रेखा गुप्ता ने बताया कि जिन 50 बसों को हरी झंडी दिखाई गई है, उनमें 30 बसें बारह मीटर की और 20 बसें नौ मीटर की लो फ्लोर एसी बसें है। सभी बसें सीसीटीवी कैमरों, पैनिक बटन और जीपीएस से लैस है। यही नहीं, जिन रूटों पर बस सेवा बंद कर दी गई थी, उन्हें दोबारा शुरू किया जा रहा है। इंटरस्टेट बस सेवा और पिछली सरकार की बंद की गई यूनिवर्सिटी की यूथ स्पेशल बसें भी वर्तमान सरकार ने फिर शुरू कर दी है।

गाड़ियों की सही फिटनेस से कम होगा प्रदूषण
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शुक्रवार को ही तेहखंड डिपो में ऑटोमेटेड वीकल फिटनेस टेस्टिंग स्टेशन (एटीएस) का शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि दिल्ली के पर्यावरण और प्रदूषण की चर्चा में सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा गाड़ियों से होने वाला उत्सर्जन है। दिल्ली में करीब 6.5 लाख कमर्शल वीकल हैं, जिन्हें हर साल फिटनेस जांच की आवश्यकता होती है, लेकिन सालों तक इसकी व्यवस्था पर ध्यान नहीं दिया गया। राजधानी में पहले केवल एक झुलझुली सेंटर था, जिसकी क्षमता सिर्फ 47,000 गाड़ियों की थी।

3 करोड़ रुपये का राजस्व भी प्राप्त होगा
अब इस नए फिटनेस सेंटर की क्षमता 72,000 गाड़ियों की होगी। यह केंद्र पूरी तरह डिजिटल और मानव-हस्तक्षेप से मुक्त होगा। उन्होंने यह भी बताया कि तेहखंड में एटीएस के साथ ही बुराड़ी और झुलझुली स्थित पुराने केंद्रों को भी अपग्रेड किया जा रहा है। इसके बाद दिल्ली में एक लाख से ज्यादा कमर्शल गाड़ियों की ऑटोमैटिक फिटनेस जांच की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। परिवहन मंत्री डॉ. पंकज सिंह ने जानकारी दी कि तेहखंड एटीएस 10 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है और इसमें ब्रेक, सस्पेंशन, अंडरबॉडी, हेडलाइट, एक्सल और उत्सर्जन की पूरी तरह डिजिटल और ऑटोमेटेड जांच होगी। इससे करीब तीन करोड़ रुपये का राजस्व भी प्राप्त होगा।

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