दिल्ली हाईकोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय को कथित शराब नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल को दी गई जमानत के खिलाफ अपनी याचिका पर बहस करने का आखिरी मौका दिया है. दिल्ली हाई कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा ईडी को अगली सुनवाई में अपनी बहस पूरी करनी होगी.
दिल्ली हाई कोर्ट में जस्टिस रविंदर दूदेजा ने यह आदेश तब दिया जब ईडी के वकील ने सुनवाई टालने की मांग की. कोर्ट में उन्होंने बताया कि एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस की बेंच के सामने व्यस्त हैं, इसलिए आज उपस्थित नहीं हो सके. इस पर केजरीवाल की ओर से पेश वकील विरोध जताया.
'सभी अन्य आरोपी जमानत पर हैं बाहर'
उन्होंने कहा कि अब तक ईडी की मांग पर यह मामला नौ बार टल चुका है और एजेंसी जानबूझकर मामले को लंबा खींच रही है. उन्होंने कहा सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में इसी तरह की याचिकाएं पहले भी दायर कर वापस ली जा चुकी हैं. सभी अन्य आरोपी जमानत पर बाहर हैं. फिर मुझे ही क्यों निशाना बनाया जा रहा है यह सब सिर्फ राजनीतिक फायदा उठाने के लिए किया जा रहा है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने ईडी को दिया आखिरी मौका
दिल्ली हाई कोर्ट में जस्टिस रवींद्र ने ईडी के वकील से कहा कि यह मामला दोनों पक्षों की सहमति से आज सुनवाई के लिए तय किया गया था इसलिए अब इसे निपटाना जरूरी है. हालांकि, अदालत ने ईडी की ओर से सुनवाई टालने की मांग को स्वीकार करते हुए कहा चूंकि एएसजी आज सुप्रीम कोर्ट में व्यस्त हैं इसलिए न्याय के हित में जांच एजेंसी ईडी को बहस के लिए आखिरी और अंतिम मौका दिया जाता है. अब यह मामला अगले महीने सुना जाएगा.
निचली अदालत अदालत ने दी थी केजरीवाल को जमानत
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 20 जून 2024 को राउज़ एवेन्यू कोर्ट की जज न्याय बिंदु ने जमानत दी थी जिसे ईडी ने हाईकोर्ट में चुनौती दी और हाईकोर्ट ने उस आदेश पर रोक लगा दी थी. केजरीवाल को ईडी ने 21 मार्च 2024 को कथित शराब नीति घोटाले के मामले में गिरफ्तार किया था. बाद में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें लोकसभा चुनावों के मद्देनजर 1 जून तक अंतरिम जमानत दी थी. फिलहाल शराब नीति से जुड़े मामले में सभी आरोपी अभी जमानत पर है.