Delhi Congress Meeting : दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में करारी शिकस्त मिलने के बाद कांग्रेस ने संगठनात्मक ढांचे को मजबूती की तैयारी कर ली है. इसी के तहत दिल्ली में प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक आयोजित की गई. इसमें दिल्ली कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने कार्यकर्ताओं को आगामी 40 दिन का रूट मैप समझाया. इसके अलावा लोकसभा पर्यवेक्षक और जिला पर्यवेक्षकों को बूथ स्तर पर संगठन को मजबूत करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. साथ ही दिल्ली में 25 अप्रैल को एक बड़ी रैली के लिए कार्यकर्ताओं को जुटाने के लिए भी कहा गया है.
Delhi Congress Meeting : दिल्ली में खराब प्रदर्शन के बाद बैठक में आत्मचिंतन
दरअसल, बीते 8 फरवरी को संपन्न हुए दिल्ली विधानसभा चुनावों के परिणाम एक बार फिर कांग्रेस पार्टी के लिए निराशाजनक रहे. 2020 की तरह इस बार भी कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली. जिससे दिल्ली में उसकी राजनीतिक हैसियत लगभग शून्य हो गई है. वहीं दूसरी ओर पिछले 27 साल से वनवास काट रही भाजपा को 48 सीटों के साथ बड़ी जीत हासिल हुई. जबकि पिछले 13 साल दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी भी 22 सीटों पर सिमट गई.
अब कांग्रेस दिल्ली में अपनी खराब स्थिति से उबरने और संगठन को पुनः जीवित करने की दिशा में कांग्रेस ने अब गंभीर प्रयास शुरू कर दिए हैं. इसी क्रम में दिल्ली कांग्रेस ने अपने प्रदेश कार्यालय में एक अहम बैठक का आयोजन किया. जिसमें कार्यकारिणी सदस्यों के अलावा लोकसभा और जिला स्तर के पर्यवेक्षकों ने भाग लिया.
बैठक में 40 दिन के कार्यक्रम की दी जानकारी
यह बैठक कांग्रेस के प्रमुख संगठनात्मक कार्यक्रम ‘संगठन सृजन अभियान’ के अंतर्गत आयोजित की गई। जिसकी अध्यक्षता दिल्ली कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने की। बैठक में पार्टी के संगठनात्मक ढांचे को बूथ स्तर तक मजबूत करने की योजना पर चर्चा की गई। इसके साथ ही अखिल भारतीय कांग्रेस समिति द्वारा निर्धारित 40 दिवसीय कार्यक्रम को भी विस्तार से समझाया गया।
बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया कि ‘संविधान बचाओ अभियान’ के तहत 25 अप्रैल को भारतीय जनता पार्टी (BJP) मुख्यालय तक एक रैली का आयोजन किया जाएगा। इस अभियान का उद्देश्य संविधान की रक्षा और लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखने की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करना है। बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जैसे कि काजी निजामुद्दीन, दानिश अबरार, सुभाष चौपड़ा, कृष्णा तीरथ, संदीप दीक्षित, हारुन यूसुफ, नरेंद्र नाथ, मंगतराम सिंघल, अनिल भारद्वाज, मनोज यादव और सुशांत मिश्रा जैसे प्रमुख चेहरों की उपस्थिति रही। इसके अतिरिक्त प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य, जिला अध्यक्ष और पर्यवेक्षक भी बैठक में शामिल हुए।
दिल्ली में संगठन की स्थिति का मूल्यांकन करने का निर्देश
इस बैठक के दौरान दिल्ली कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने लोकसभा पर्यवेक्षक एवं जिला पर्यवेक्षकों को संगठनात्मक मजबूती के प्रथम चरण का टास्क सौंपा। उन्होंने कहा कि पर्यवेक्षक संबंधित विधानसभा क्षेत्रों में कार्यकर्ताओं व नेताओं से संवाद कर संगठन की स्थिति का मूल्यांकन करें। यदि आवश्यक हो तो वे प्रखंड या जिला स्तर पर बदलाव हेतु सुझावों के साथ रिपोर्ट तैयार करके प्रदेश कार्यालय में जमा करें।
इसके अलावा बूथ स्तर तक समितियों का गठन और पार्टी के कार्यक्रमों को प्रभावी तरीके से लागू कराने की जिम्मेदारी भी पर्यवेक्षकों को सौंपी गई। उन्हें कहा गया है कि वे जिला और प्रखंड स्तर पर प्रचार अभियान, धरना, प्रदर्शन, और ज्वलंत मुद्दों पर केंद्रित मासिक कार्यक्रम तैयार करें। साथ ही 27 अप्रैल तक दो उपाध्यक्ष, एक कार्यालय सचिव और एक सोशल मीडिया साथी के नाम प्रदेश कार्यालय को सौंपने के निर्देश दिए गए हैं।