नई दिल्ली.| राजधानी दिल्ली में बिजली कनेक्शन से वंचित नागरिकों को राहत देते हुए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने ‘बुक प्रॉपर्टी’ में बिजली कनेक्शन देने पर लगे प्रतिबंध को हटाने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. मुख्यमंत्री के निर्देश पर जारी सरकारी आदेश के अनुसार इस कदम से 1.25 लाख से अधिक प्रभावित परिवारों को तत्काल लाभ मिलने की उम्मीद है. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह निर्णय जन-हित में लिया गया है और दिल्ली सरकार नागरिकों के मूल अधिकारों और आवश्यक सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है|
ऊर्जा विभाग के विशेष सचिव ने मुख्यमंत्री के निर्देश पर आदेश जारी किया है. सरकार को लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि डिस्कॉम केवल इस आधार पर कनेक्शन नहीं दे रहे या काट रहे हैं कि संपत्तियां दिल्ली नगर निगम द्वारा अवैध निर्माण के लिए ‘बुक’ की गई हैं. कई मामलों में, एमसीडी द्वारा वर्षों पहले जारी ध्वस्तीकरण आदेशों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई थी. मुख्यमंत्री ने कहा कि अब ऐसे सभी ‘बुक्ड’ संपत्तियों को भी बिजली कनेक्शन दिया जा सकेगा. उन्होंने बताया कि वर्षों से लाखों लोग इन संपत्तियों में रह रहे हैं, लेकिन केवल बुक्ड प्रॉपर्टी होने के कारण उन्हें बिजली कनेक्शन से वंचित रखा जा रहा था, जिससे कई इलाकों में बिजली चोरी बढ़ रही थी. यह आदेश नागरिकों को मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखने की इस समस्या को समाप्त करेगा |
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि नए आदेश के बाद डिस्कॉम किसी भी उपभोक्ता को केवल इसलिए कनेक्शन देने से इनकार नहीं कर सकते कि संपत्ति नगर निगम द्वारा अवैध निर्माण के मामले में बुक है. कनेक्शन रोकने की स्थिति केवल तब बनेगी जब एमसीडी किसी संपत्ति के ध्वस्तीकरण या सीलिंग की औपचारिक सूचना दे. डिस्कॉम और नगर निगम के बीच बेहतर समन्वय के निर्देश भी जारी किए गए हैं, ताकि भविष्य में किसी प्रकार की विसंगति न उत्पन्न हो. सरकार का मानना है कि इस कदम से न केवल उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी, बल्कि बिजली चोरी और अनधिकृत उपयोग पर भी रोक लगेगी|
मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्षों से लंबित मामलों और प्रशासनिक देरी के कारण लाखों लोग प्रभावित थे, जबकि अधिकांश संपत्तियां अब भी आबाद हैं और लोग वैध बिजली कनेक्शन न मिलने से परेशान थे. सरकार के इस निर्णय से 1.25 लाख से अधिक परिवारों को वैध कनेक्शन मिलने का रास्ता साफ होगा. साथ ही डिस्कॉम ऐसे उपभोक्ताओं की मदद के लिए हेल्पलाइन भी स्थापित करेंगी, जिन्हें पहले नियमित कनेक्शन नहीं मिल पाया था. मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार पारदर्शी शासन और जनसुविधाओं के अधिकार को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है. विधि विभाग से परामर्श और स्थिति की समीक्षा के बाद यह निर्णय आवश्यक पाया गया, ताकि नागरिकों को वैध, सुरक्षित और नियमित बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके|

