Sunday, December 22, 2024

लोकसभा में Delhi services bill पेश,BJD करेगी बिल का समर्थन,AAP सरकार की बढ़ी मुश्किल

दिल्ली : लंबे समय से केंद्र के दिल्ली आध्यादेश Delhi services bill को लेकर चल रही बहस के बीच अब इसे सदन की मंजूरी के लिए लोकसभा मे पेश कर दिया गया है. लोकसभा में इस बिल Delhi services bill को गृहराज्यमंत्री नित्यानंद राय ने पेश किया.

Delhi services bill को बीजेडी का समर्थन

इस बिल Delhi services bill के लोकसभा में पास होने को लेकर कोई चुनौती नहीं है क्योंकि लोकसभा में NDA बहुमत में है. दिल्ली सरकार को उम्मीद राज्ससभा है. दिल्ली सरकार और विपक्ष की भी उम्मीदें राज्यसभा में टिकी हुई थी लेकिन अब इस उम्मीद पर पानी फिरता नजर आ रहा है. बीजेडी ने दिल्ली सर्विस बिल पर केंद्र सरकार का समर्थन करने का फैसला किया है. सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार के  दिल्ली सेवा बिल के पक्ष में कम से कम 128 वोट तय हो गये हैं. बीजू जनता दल ने विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव का भी विरोध करने का फैसला किया है.

बीजेडी के सांसदों की संख्या

लोकसभा मे बीजेडी के सांसदों की संख्या 12 है वहीं राज्यसभा में बीजेडी के 9 सांसद हैं.

 कांग्रेस में बिल को लेकर असमंजस

केंद्र के दिल्ली सेवा बिल के मामले में कांग्रेस केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ है और एक चुनी हुई सरकार के लिए इस तरह के बिल का विरोध कर रही है वहीं कांग्रेस के ही एक नेता और दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित ने इस बिल का समर्थन किया है.  संदीप दीक्षित ने कहा है कि दिल्ली का जो दर्जा है उस हिसाब से इस बिल को पास होना चाहिये. अगर दिल्ली को शक्ति देनी है तो इसे पूर्ण राज्य बनाइये. ये अध्यादेश शक्तियों का बंटवारा उस तरह कर रहा है जो दिल्ली की संवैधानिक संशोधन और दिल्ली अधिनियम की मूल भावनाओं के अनुरुप है.इसलिए बिल का विरोध नहीं होना चाहिये.

 लोकसभा और राज्यसभा में दलगत स्थिति

संसद के निचले सदन लोकसभा में NDA के पास बहुत बड़ा बहुमत है. यहां 540 में से 301 सांसद  NDA के हैं. वहीं राज्य सभा में बीजेपी के 93 सासंद हैं.सहयोगी दलों को मिलकर NDA की संख्या 105 होती है, इसके अलावा 5 मनोनीत और 2 निर्दलीय सांसदों का समर्थन हासिल है. कुल मिलकर 112 सांसद होते हैं. अब बीजेडी (9 सांसद) ने भी केंद्र सरकार के समर्थन का  ऐलान किया, इसे जोड़ कर राज्यसभा में   121 सांसद होते हैं. वहीं विपक्षी दलों के पास कुल मिलकर 105 सांसद हैं .

संख्या बल के आधार पर लोक सभा और राज्य सभा में भी दिल्ली सर्विस बिल का पास होना लगभग तय है.

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