नई दिल्ली : वकील जय अनंत देहाद्राई गुरुवार को तृणमूल कांग्रेस सदस्य महुआ मोइत्रा Mahua Moitra के खिलाफ कैश-फॉर-क्वेरी आरोपों के संबंध में अपना बयान दर्ज कराने के लिए लोकसभा की आचार समिति Ethics Committee के सामने पेश हुए.
#WATCH अधिवक्ता जय अनंत देहाद्राई भाजपा सांसद निशिकांत दुबे द्वारा टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ दायर की गई शिकायत के संबंध में आचार समिति के समक्ष पेश होने के लिए संसद पहुंचे। मामले में आरोप लगाया गया है कि उनकी(महुआ मोइत्रा) संसद में ‘कैश फॉर क्वेरी’ में भागीदारी है। pic.twitter.com/6vGnQ4cQUA
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 26, 2023
Ethics Committee के सामने निशिकांत दुबे पेश हुए
वहीं समिति Ethics Committee के सामने बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे की भी पेशी हुई. निशिकांत दुबे ने पेशी के बाद कहा, “प्रश्न सामान्य थे… मैं बस इतना कह सकता हूं कि सभी सांसद चिंतित हैं… जब वे मुझे अगली बार बुलाएंगे तो मैं आऊंगा… सवाल यह है कि क्या संसद की मर्यादा और गरिमा बनी रहेगी? यह संसद की गरिमा का सवाल है. एथिक्स कमेटी मुझसे ज्यादा चिंतित है.
#WATCH भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा, “प्रश्न सामान्य थे… मैं बस इतना कह सकता हूं कि सभी सांसद चिंतित हैं… जब वे मुझे अगली बार बुलाएंगे तो मैं आऊंगा… सवाल यह है कि क्या संसद की मर्यादा और गरिमा बनी रहेगी? यह संसद की गरिमा का सवाल है। एथिक्स कमेटी मुझसे ज्यादा चिंतित है।” https://t.co/44hAUqfwg7 pic.twitter.com/SKeTkK99wX
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 26, 2023
आपको बता दें 15 अक्टूबर को बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया कि संसद में अदानी समूह के बारे में सवाल पूछने के लिए महुआ मोइत्रा को रिश्वत के रूप में “नकद” और “उपहार” दिए गए. दुबे के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए, महुआ मोइत्रा ने कहा कि वह उनके खिलाफ किसी भी प्रस्ताव का “स्वागत” करती हैं.
निशिकांत दुबे ने एक पत्र लिखकर स्पीकर स्पीकर ओम बिरला को अपनी शिकायत भेजी थी. जिसे बिड़ला ने बीजेपी सदस्य विनोद कुमार सोनकर की अध्यक्षता वाली लोकसभा की आचार समिति के पास भेज दिया था.
निशिकांत दुबे ने लगाये थे कौन कौन से आरोप ?
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने रविवार को लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ जांच समिति बनाने की मांग की. निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया कि “संसद में अदानी समूह के बारे में सवाल पूछने के लिए सांसद महुआ मोइत्रा ने एक व्यवसायी से नकदी और उपहारों के रुप में रिश्वत ली.”
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को लिखे पत्र में, दुबे ने दावा किया कि उनके पास “अकाट्य सबूत” हैं कि मोइत्रा और व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के बीच रिश्वत का आदान-प्रदान हुआ था और उन्होंने उन्हें संसद से तत्काल निलंबित करने की मांग की. हालाँकि वह अब तक अपने आरोप के समर्थन में कोई सबूत नहीं दे पाए हैं, लेकिन उन्होंने दावा किया कि एक वकील जय अनंत देहाद्राई ने उनके साथ सबूत साझा किए थे.
दुबे ने अपने पत्र में लिखा, “श्री जय अनंत देहाद्राई ने विस्तृत और श्रमसाध्य शोध किया है, जिसके आधार पर, उन्होंने निष्कर्ष निकाला है कि हाल तक, श्रीमती मोइत्रा ने संसद में उनके द्वारा पोस्ट किए गए कुल 61 में से लगभग 50 प्रश्न पूछे, जो आश्चर्यजनक रूप से जानकारी मांगते हैं. श्री दर्शन हीरानंदानी और उनकी कंपनी के व्यावसायिक हितों की रक्षा करने या उन्हें कायम रखने का इरादा है, ”
दुबे का दावा है, “षड्यंत्र” में अदानी समूह का लगातार संदर्भ देकर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को “जोरदार” तरीके से निशाना बनाना शामिल है, सांसद महुआ मोइत्रा “यह जाहिर कर रही थी कि वह सरकार की आलोचना कर रही है, संभवतः इससे उनका इरादे अपने गुप्त आपराधिक ऑपरेशन” को बचाने का था.
दुबे ने दावा किया कि यह प्रकरण दिसंबर 2005 के ‘कैश फॉर क्वेरी’ प्रकरण की याद दिलाता है, और उन्होंने टीएमसी सांसद पर ‘विशेषाधिकार के उल्लंघन’ और ‘सदन की अवमानना’ का आरोप लगाया. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उनके कृत्य पर भारतीय दंड संहिता की धारा 120-ए के तहत आपराधिक अपराध के लिए जुर्माना भी लगेगा.
दुबे ने अपने पत्र में आगे लिखा कि, “मैं आपसे विनम्र निवेदन करता हूं कि पिछली मिसाल का पालन करते हुए एक ‘जांच समिति’ का गठन करें. मैं आपसे यह भी अनुरोध करता हूं कि अंतराल अवधि के दौरान, यानी एक ‘जांच समिति’ के गठन और उसकी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के दौरान, श्रीमती महुआ मोइत्रा को सदन की सेवाओं से तुरंत निलंबित किया जा सकता है.”
ये भी पढ़ें- ED raid in Rajasthan: अशोक गहलोत के बेटे को ईडी का समन, प्रदेश अध्यक्ष…