शनिवार पीएम मोदी ने अपने असम दौरे के दूसरे दिन काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान PM Modi Kaziranga visit की सैर की. पीएम ने अपनी यात्रा की कई तस्वीरें भी सांझा और लोगों से काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान जाने की अपील भी की. पीएम ने एक्स पर लिखा, “मैं आप सभी से काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान की यात्रा करने और इसके परिदृश्यों की अद्वितीय सुंदरता और असम के लोगों की गर्मजोशी का अनुभव करने का आग्रह करूंगा. यह एक ऐसी जगह है जहां हर यात्रा आत्मा को समृद्ध करती है और आपको असम के दिल से गहराई से जोड़ती है.”
I would urge you all to visit Kaziranga National Park and experience the unparalleled beauty of its landscapes and the warmth of the people of Assam. It’s a place where every visit enriches the soul and connects you deeply with the heart of Assam. pic.twitter.com/MFCg9oeFm3
— Narendra Modi (@narendramodi) March 9, 2024
वहीं पीएम मोदी की पूर्वोत्तर यात्रा को लेकर कांग्रेस ने उनपर निशाना साधा. कांग्रेस के मीडिया प्रभारी और महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट कर पीएम से 4 सवाल पूछे.
कांग्रेस ने PM Modi Kaziranga visit को लेकर पूछे 4 सवाल
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने पीएम मोदी के काजीरंगा यात्रा पर कटाक्ष करते हुए पूर्वोत्तर के विभिन्न हिस्सों में बढ़ती अस्थिरता और अशांति पर उनसे 4 सवाल पूछे. कांग्रेस नेता ने लिखा, “हमें खुशी है कि प्रधानमंत्री ने अपने विभिन्न दौरों और कार्यक्रमों के बीच आज की सुबह काजीरंगा जाने के लिए समय निकाला। यह एक प्रसिद्ध राष्ट्रीय उद्यान है। इसे लेकर जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी की गहरी रूचि थी। लेकिन, काजीरंगा से अलग, भारत के पूर्वोत्तर के विभिन्न हिस्सों में बढ़ती अस्थिरता और अशांति पर उनके लिए ये चार सवाल हैं.”
कांग्रेस ने अरुणाचल प्रदेश में चीनी घुसपैठ पर पूछा सवाल
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने अपना पहला सवाल अरुणाचल प्रदेश में चीनी सेना की घुसपैठ को लेकर पूछा उन्होंने पूछा, “ 19 जून, 2020 को चीन पर सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा था कि एक भी चीनी सैनिक भारतीय क्षेत्र में नहीं घुसा है. चीन को सार्वजनिक रूप से क्लीन चिट देकर, प्रधान मंत्री ने अपने हाथ बांध लिए हैं. वह चीनी आक्रमण के बाद पूर्व की स्थिति बहाल करने के लिए कार्रवाई करने में विफल रहे हैं. चीनी सैनिक भारतीय नागरिकों को अपने ही चरागाहों तक जाने से रोक रहे हैं और भारतीय पेट्रोलिंग टीम को एलएसी के पास रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थानों तक नहीं जाने दे रहे हैं – जहां पहले वे बिना किसी रोक-टोक के पेट्रोलिंग किया करते थे. पीएलए सैनिकों द्वारा भारत की जमीन से भारतीय नागरिकों का अपहरण करने के कई मामले सामने आए हैं. 2022 में खुद अरुणाचल प्रदेश के एक बीजेपी सांसद ने आरोप लगाया था कि पीएलए ने 19 साल की मिराम तरोन का अपहरण कर लिया था और दस दिनों तक उसे प्रताड़ित किया. ईटानगर में भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने तापोर पुलोम के परिवार से भी मुलाक़ात की थी, जो 2015 में PLA द्वारा कथित तौर पर अपहरण किए जाने के बाद से लापता हैं. मोदीजी, भूल गए क्या? क्या आप उस समय लोगों से झूठ बोल रहे थे?”
कांग्रेस ने इन सवालों के साथ पीएम मोदी का वो वीडियों भी लगाया जिसमें उन्होंने कहा था कि देश की सीमा में न कोई आया है. न कोई आया था.
हमें खुशी है कि प्रधानमंत्री ने अपने विभिन्न दौरों और कार्यक्रमों के बीच आज की सुबह काजीरंगा जाने के लिए समय निकाला। यह एक प्रसिद्ध राष्ट्रीय उद्यान है। इसे लेकर जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी की गहरी रूचि थी।
लेकिन, काजीरंगा से अलग, भारत के पूर्वोत्तर के विभिन्न हिस्सों में… pic.twitter.com/Ft7c5HH2DB
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) March 9, 2024
दूसरा सवाल- मणिपुर में गृहयुद्ध जैसे हालात को लेकर पूछा
कांग्रेस महासचिव ने अपना दूसरा सवाल मणिपुर को लेकर पूछा. जयराम रमेश ने लिखा, “ मणिपुर में लगभग एक साल से गृहयुद्ध जैसे हालात है. वहां भयंकर हिंसा में सैकड़ों लोग मारे गए हैं, लाखों लोग विस्थापित हुए हैं, समुदायों के बीच हिंसक संघर्ष जारी है और प्रशासन ध्वस्त हो चुका है. हिंसा की घटनाएं अभी भी घट रही हैं – 7 मार्च को मोरेह में दो युवाओं की पिटाई की गई, और 8 मार्च को भारतीय सेना के जूनियर कमीशंड ऑफिसर (जेसीओ) कोंसम खेड़ा सिंह को थौबल ज़िले में उनके ही घर से आतंकवादियों ने अपहरण कर लिया. आम तौर पर देश भर में चुनाव प्रचार के लिए करदाताओं के पैसे का दुरुपयोग करने वाले प्रधानमंत्री को अभी तक मणिपुर जाने या यहां तक कि राज्य के मुख्यमंत्री और राजनीतिक दलों से बात करने का समय क्यों नहीं मिला? क्या वह इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि भारत के लोग उनके लिए इम्फाल का टिकट खरीदेंगे?”
नागालैंड में ईएनपीओ “सार्वजनिक आपातकाल” को लेकर पूछा तीसरा सवाल
कांग्रेस ने अपने तीसरे सवाल में नागालैंड में ईएनपीओ “सार्वजनिक आपातकाल” को लेकर पूछा. उसने कहा, “ ईस्टर्न नागालैंड पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन (ईएनपीओ) ने ‘फ्रंटियर नागालैंड’ के निर्माण में देरी के विरोध में पूर्वी नागालैंड में “सार्वजनिक आपातकाल” घोषित कर दिया है – किसी भी राजनीतिक दल को क्षेत्र में प्रचार करने या चुनाव लड़ने से रोकने की धमकी दी गई है. कोन्याक यूनियन और तिखिर ट्राइबल काउंसिल ने ईएनपीओ की सार्वजनिक आपातकाल की घोषणा को दोहराया है. 8 मार्च को अधिकांश पूर्वी नागालैंड बंद था. स्थिति लगातार तनावपूर्ण होती जा रही है और नागालैंड में कानून के शासन और लोकतंत्र के बाधित होने का ख़तरा है लेकिन केंद्र सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. यह कोई नई बात नहीं है: हमने पहले भी मोदी सरकार को 2015 के नागा समझौते के साथ नागालैंड की राजनीतिक स्थिति को जटिल करते देखा है, जिसे जनता के लिए जारी भी नहीं किया गया है, लागू करना तो दूर की बात है. आज पूर्वी नागालैंड में पैदा हुए हालात को शांत करने के लिए मोदी सरकार क्या कदम उठा रही है? “
चौथा सवाल एनएससीएन और UFAI (ULFA-I) के फिर सर उठाने को लेकर पूछा
वहीं अपने चौथे प्रश्न में कांग्रेस ने प्रधानमंत्री ने असम में सर उठा रहे विद्रोही गुटों पर जवाब मांगा. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने लिखा, “4. दिसंबर 2023 में कछार में एक पत्थर की खदान में काम करने वाले तीन मजदूरों का ज़ेलियानग्रोंग यूनाइटेड फ्रंट ने अपहरण कर लिया था. पिछले महीने फरवरी के मध्य में, असम-अरुणाचल प्रदेश सीमा पर चांगलांग ज़िले में फिनबोरो कोलमाइन में काम करने वाले 10 मजदूरों का नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड (एनएससीएन) और यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम इंडिपेंडेंट (उल्फा-आई) ने अपहरण कर लिया था. ऐसा लगता है कि आम लोगों के जीवन में बाधा डालने और आतंक का राज कायम करने के लिए अलगाववादी समूहों का फिर से उदय हो रहा है. अलगाववादी हिंसा की बढ़ती घटनाओं से निपटने के लिए मोदी सरकार की क्या रणनीति है?”