Wednesday, March 12, 2025

69000 teacher recruitment Case : हाईकोर्ट के आदेश के बाद योगी सरकार फैसला, बताया क्या करेगी सरकार

69000 teacher recruitment Case , लखनऊ :  उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षकों की भर्ती के मामले में हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब योगी सरकार ने भी अपना स्टैंड साफ कर दिया है.सीएम योगी की अध्यक्षता में रविवार को एक बैठक बुलाई, जिसमें ये फैसला हुआ कि उत्तर प्रदेश सरकार हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती नहीं देगी. हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक शिक्षक भर्ती के लिए नई मेरिट लिस्ट बनाई जाएगी.

69000 teacher recruitment Case : आरक्षण का लाभ आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थी को मिलना ही चाहिये- सीएम योगी 

बैठक में सीएम योगी ने कहा कि 69 हजार शिक्षकों के भर्ती प्रकरण में बेसिक शिक्षा विभाग ने आज ही माननीय न्यायालय के फैसल के सभी तथ्यों से मुझे अवगत कराया. माननीय सुप्रीम कोर्ट के ऑब्जर्वेशन और इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ बेंच के फैसले में कार्यवाही करने के लिए विभाग को निर्देश दिए हैं. उत्तर प्रदेश सरकार ये मानती है कि संविधान के द्वारा दिये गये  आरक्षण की सुविधा का लाभ रिजर्व श्रेणी के सभी अभ्यर्थियों को मिलना ही चाहिये, किसी के भी साथ अन्याय नहीं होना चाहिए.

 सीएम योगी के सरकारी आवास पर हुई बैठक

हाईकोर्ट के फैसले पर कदम उठाने के लिए रविवार को सीएम योगी ने अपने आवास पर एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई,जिसमें बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों को सीएम ने हाईकोर्ट के फैसले और सभी तथ्यों से अवगत कराया. सीएम योगी ने कहा कि संविधान के द्वारा दिये गये आरक्षण का लाभ आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों को मिलना ही चाहिए, किसी के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए. सीएम की बुलाई बैठक में बेसिक शिक्षा विभाग के तमाम बड़े अधिकारी शामिल हुए.

 सीएम आवास की बैठक पर लगी थी सबकी नजर..

69000 शिक्षकों की भर्ती में हुए घोटाले के मामले में हाईकोर्ट के आदेश के बाद अभ्यर्थियो के साथ साथ सभी राजनीतिक दलो की नजर इस बैठक पर थी.  इलहाबाद हाईकोर्ट की लखनउ बेंच की खंडपीठ ने 69 हजार शिक्षकों की भर्ती परीक्षा-2019 की चयन सूची और 6800 अभ्यर्थियों की पांच जनवरी 2022 की चयन सूची को रद्द करके नए सिरे से मेरिट लिस्ट बनाने के आदेश दिए हैं. हाईकोर्ट ने इस संबंध में 13 मार्च 2023 के आदेश को संशोधित करते हुए ये भी फैसला दिया कि सामान्य श्रेणी के लिए निर्धारित मेरिट लिस्ट के आने के बाद आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को सामान्य श्रेणी में ही ‘माइग्रेट’ किया जाएगा.

लखनउ होई कोर्ट ने अपने फैसला मे ये भी कहा है कि नई सूची तैयार करने के दौरान यदि कोई अभ्यर्थी जो वर्तमान में कार्यरत है, प्रभावित होता है तो उसे सत्र का लाभ दिया जाए ताकि छात्रों की पढ़ाई पर असर न पड़े. ये फैसला न्यायमूर्ति एआर मसूदी और न्यायमूर्ति बृजराज सिंह की खंडपीठ ने महेंद्र पाल और अन्य समेत 90 अपीलों पर सुनवाई करते हुए पारित किया था.

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