बिहार: Loksabha Election 2024 के लिए भले ही केंद्र की मोदी सरकार अपने चुनाव की तैयारी में पूरी तरह से कूद चुकी है लेकिन बिहार में बीजेपी कैसे चुनाव लड़ेगी अभी इसका खुलासा नहीं हुआ है. बिहार में बीजेपी और एनडीए के बीच सीटों के बंटवारे पर फैसला नहीं हुआ है. बिहार में बीजेपी और NDA में सीट बंटवारे पर पेंच फंसा हुआ नजर आ रहा है. बिहार में एनडीए के एक मजबूत सहयोगी लोकजनशक्ति पार्टी (पासवान ) के Chirag Paswan अब एनडीए खेमे से दूर होते नजर आ रहे हैं. Chirag Paswan को लेकर सियासी गलियारों में चर्चा गर्म है.
Chirag Paswan बदलेंगे पाला ?
इस बीच सियासी माहौल में चर्चा शुरु हो गई है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हनुमान कहे जाने वाले सांसद चिराग पासवान पाला बदलने वाले है. नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन में शामिल चिराग पासवान ने पालाबदल का संकेत दे दिया है. विपक्षी गठबंधन INDIA अलायंस की तरफ से सांसद चिराग पासवान को बड़ा ऑफर मिला है।

इंडिया एलायंस से चिराग को मिला ऑफर
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक INDA अलायंस की तरफ से चिराग को 6+2+2 सीट यानी बिहार में 8 और पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में दो सीट देने की पेशकश की गई है. बिहार की सीटों में सभी छह लोकसभा सीटें शामिल हैं, जिनपर 2019 के चुनावों में अविभाजित लोजपा ने जीत दर्ज की थी. इसके अलावा राज्य में दो और सीट देने की बात कही की गई है. इस तरह उन्हें कुल आठ सीटें देने का प्रस्ताव रखा गया है. हालांकि अभी तक इस बात की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई, लेकिन पार्टी के अंदर इसे लेकर मंथन जारी है.
एनडीए के पास लोजपा के लिए 6 सीटें
इंडिया गठबंधन की तरफ से मिला ऑफर चिराग पासवान के लिए बहुत ही फायदेमंद साबित हो सकता है क्योंकि NDA की तरफ से उन्हें सिर्फ वही छह सीटें दी जा रही हैं, जिनपर 2019 में लोजपा ने जीत हासिल की थी. इनमें से पांच सीटें चिराग के चाचा पशुपति कुमार पारस के धड़े वाली राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के कब्जे में है. जिसके बाद एनडीए की तरफ से चिराग को सिर्फ जमुई की सीट ही मिल रही है, जबकि वह पिता रामविलास पासवान की परंपरिक सीट हाजीपुर समेत छह सीटों पर अपना दावा ठोक रहे हैं.
लोक जनशक्ति पार्टी की अंदरुनी लड़ाई
बता दें कि रामविलास पासवान के निधन के बाद 2021 में उनकी पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी विभाजित हो गई थी. चिराग के चाचा पशुपति कुमार पारस ने पांच सांसदों के साथ विद्रोह करके पार्टी पर कब्जा कर लिया था. जिसके बाद चिराग और उनके चाचा के बीच 36 का आंकड़ा हो गया. इस विद्रोह के कुछ दिनों बाद ही चाचा पारस को केंद्र सरकार में मंत्री बनाए जाने पर चिराग पासवान ने बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू नेता नीतीश कुमार पर हमला बोला था. हालाँकि, उस दौरान चिराग ने भाजपा और पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधने से परहेज किया था.
चिराग पासवान खुद को कहते हैं पीएम मोदी का हनुमान
चिराग पासवान खुद को पीएम मोदी का हनुमान कहते रहे हैं, लेकिन 2020 के विधानसभा चुनावों के बाद से ही नीतीश कुमार के घोर विरोधी हैं. अब नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन छोड़ बीजेपी के साथ आ गए है. जिसके बाद INDIA अलायंस ने दुश्मन को दोस्त बनने का ऑफर दिया गया है. अगर चिराग ने ये ऑफर मान लिया तो NDA को करीब 5 फीसदी वोट गंवाना पड़ सकता है . राज्य में चिराग पासवान के साथ पासवानों का करीब 5.5 फीसदी वोट है. पीएम मोदी की हालिया दो सभाओं के आयोजन के दौरान चिराग पासवान शामिल नहीं हुए थे, जिससे चिराग के NDA से नाराज होने की चर्चाओं को हवा मिली है.