रायपुर : छत्तीसगढ़ के ग्रामीण अंचलों में प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को गुुणवत्तापूर्ण निःशुल्क कोचिंग प्रदान कर नवोदय एवं प्रयास जैसे प्रतिष्ठित आवासीय विद्यालयों में प्रवेश की दिशा में तैयार करने के लिए शिक्षा विभाग के सहयोग से संचालित ‘सुपर 40‘ संस्था की पहल सराहनीय उपलब्धि बनती जा रही है। महासमुंद जिले के बागबाहरा विकासखंड में आयोजित हालिया प्रवेश परीक्षा में 850 से अधिक विद्यार्थियों ने भाग लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के प्रति उत्साह और विश्वास को दर्शाया।
इस प्रवेश परीक्षा में 450 विद्यार्थियों ने प्रयास विद्यालय में प्रवेश के लिए तो 400 विद्यार्थियों ने नवोदय विद्यालय हेतु परीक्षा दी। परीक्षा परिणाम के आधार पर सत्र 2025-26 के लिए 40-40 छात्रों का चयन किया जाएगा। चयनित विद्यार्थियों के लिए अध्यापन सत्र 15 अगस्त से प्रारंभ होगा। उल्लेखनीय है कि इस संस्था ने 38 विद्यार्थियों को प्रयास विद्यालय एवं 2 विद्यार्थियों को नवोदय विद्यालय में प्रवेश दिलाया। इस मॉडल की सफलता से प्रेरित होकर न केवल पालकों में जागरूकता बढ़ी है, बल्कि बच्चों में आत्मविश्वास भी देखने को मिला है।
प्रदेश भर के विद्यार्थियों की बढ़ रही भागीदारी
पीएम सेजेस विद्यालय बागबाहरा में आयोजित एक अन्य विशेष प्रवेश परीक्षा में महासमुंद ही नहीं, बल्कि आसपास के विकासखंडों के छात्र-छात्राओं ने भी भाग लिया। कक्षा पाँचवीं और आठवीं के विद्यार्थियों की इस भागीदारी ने राज्य स्तरीय मॉडल को और मजबूती प्रदान की है। शासकीय एवं निजी विद्यालयों के विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर परीक्षा में हिस्सा लिया।
प्रशासन एवं अधिकारियों की सराहना
अनुविभागीय अधिकारी ने संस्था की पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह योजना ग्रामीण एवं आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को शैक्षणिक अवसर उपलब्ध करा रही है। उन्होंने अभिभावकों से बच्चों की पढ़ाई के लिए सकारात्मक वातावरण देने और व्यर्थ उपकरणों से दूर रखने की अपील की। ‘सुपर 40‘ संस्था पूर्णतः निःशुुल्क संचालित है। संस्था का उद्देश्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए ग्रामीण प्रतिभाओं को सशक्त बनाना है।
राज्य स्तरीय विस्तार की ओर ‘सुपर 40‘ मॉडल
संस्था के संयोजक हीरा सिंग नायक ने विद्यार्थियों को अनुशासन, नियमितता और परिश्रम का महत्व समझाया। श्सुपर 40श् संस्था राज्य के दूरदराज क्षेत्रों में भी शिक्षा की रोशनी पहुंचाने का माध्यम बन रही है और आने वाले वर्षों में यह पहल छत्तीसगढ़ की शैक्षणिक तस्वीर को और बेहतर बना सकती है।