Friday, October 17, 2025

पीएम नरेन्द्र मोदी के वन स्टेट, वन ग्लोबल डेस्टिनेशन विजन के तहत दिया प्रस्तुतिकरण

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रायपुर :  लेकसिटी उदयपुर में पिछले दिनों आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय पर्यटन सम्मेलन में पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री राजेश अग्रवाल ने सम्मिलित होकर राज्य केे पर्यटन संभावनाओं और योजनाओं पर केंद्र और अन्य राज्यों के मंत्रियों-अधिकारियों संग विचार-विमर्श किया। अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ के प्रमुख पर्यटन स्थलों को वन स्टेट वन डेस्टिनेशन में शामिल करने की आवश्यकता बताते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के नियाग्रा कहे जाने वाले चित्रकोट वॉटरफाल को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए राज्य सरकार  प्रतिबद्ध है। इस संबंध में उन्होंने अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। सम्मेलन में राज्य एवं केन्द्र शासित प्रदेशों के पर्यटन मंत्री विभागीय सचिवों सहित सम्मिलित हुए। इस वर्ष सम्मेलन की थीम ‘वन स्टेट-वन ग्लोबल टूरिज्म डेस्टिनेशन‘ था, जिसके अंतर्गत प्रत्येक राज्य ने अपने प्रमुख पर्यटन स्थलों को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने हेतु प्रस्तुतिकरण दिया।

इस अवसर पर केन्द्रीय पर्यटन मंत्री गजेन्द्र शेखावत ने कहा कि पर्यटन क्षेत्र का योगदान अब भारत की जीडीपी में लगभग 6 प्रतिशत तक पहुंच चुका है, जो अगले कुछ वर्षों में 10 प्रतिशत तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि भारत का लक्ष्य आने वाले वर्षों में विश्व के शीर्ष दस पर्यटन देशों में शामिल होना है। वर्ल्ड ट्रैवल एंड टूरिज्म काउंसिल इंडेक्स में भारत की रैंकिग 2014 में जहां 60 के आसपास थी, वहीं अब यह 39वें स्थान पर पहुंच गई है। यदि केन्द्र और राज्य सरकारें मिलकर काम करें तो अगले पांच वर्षों में भारत इस रैंकिंग को 20वें स्थान तक ला सकता है, और 10 वर्षों में शीर्ष दस देशों में अपना स्थान बना सकता है। इसके लिए केन्द्र सरकार ने 50 ग्लोबल डेस्टिनेशन विकसित करने का लक्ष्य तय किया है। उन्होेंने कहा कि दो दिन के सम्मेलन में बहुमूल्य सुझाव मिले हैं, जो पीएम नरेन्द्र मोदी के वन स्टेट, वन ग्लोबल डेस्टिनेशन के विजन को साकार करने में मील का पत्थर साबित होंगे।

पर्यटन मंत्री राजेश अग्रवाल ने कहा कि वन स्टेट वन डेस्टिनेशन के लिए छत्तीसगढ़ के नियाग्रा कहे जाने वाले चित्रकोट वॉटरफाल व ऐतिहासिक, पुरातात्विक, सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व के सिरपुर को भी वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए हमारी सरकार इस दिशा में कार्य कर रही है। छत्तीसगढ़ की प्राकृतिक सुंदरता, ऐतिहासिक धरोहरों और जनजातीय संस्कृति कीे भव्यता को वैश्विक पहचान दिलाने की दिशा में हम कार्यरत हैं। पर्यटन के माध्यम से स्थानीय युवाओं को रोजगार प्राप्त होगा। इससे अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी वहीं पर्यटकों को स्थानीय सांस्कृतिक विरासत को जानने समझने का बेहतर माध्यम बनेगा। सम्मेलन के दौरान चित्रकोट वाटरफॉल एवं इसके आसपास के प्रमुख स्थलों को भी विकसित करने के लिए कार्ययोजना में जोड़ने की सहमति बनी। वर्ल्डक्लास टूरिस्ट डेस्टिनेशन के लिए जो पैरामीटर होनी चाहिए विकसित करने की दिशा में कार्य करने के निर्देश संबंधितों को दिए गए।

छत्तीसगढ़ के पर्यटन विभाग के सचिव डॉ. रोहित यादव ने पीएम नरेन्द्र मोदी के वन स्टेट, वन ग्लोबल डेस्टिनेशन के विजन के तहत छत्तीसगढ़ के धार्मिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और प्राकृतिक स्थलों के विकास के लिए अपनाई जा रही बेहतरीन योजनाएं साझा की। उन्होंने  राज्य की आदिवासी संस्कृति, जैव-विविधता, ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक स्थलों दंतेश्वरी मंदिर, बस्तर, रामगढ़ की गुफाएं, बारनवापारा अभ्यारण्य, मधेश्वर पर्वत आदि को केंद्र में रखते हुए प्रस्तुतिकरण दिया तथा पर्यटक सर्किट, ग्रामीण पर्यटन एवं स्थानीय हस्तशिल्प की वैश्विक ब्रांडिंग पर जोर देते हुए अपनी योजनाएं साझा की। अन्य राज्यों से आए हुए प्रतिनिधि मंडलों से पर्यटन उन्नयन, होमस्टे योजना, इको-टूरिज्म पर भी चर्चा हुई।

सम्मेलन का उद्देश्य सतत, उत्तरदायी एवं नवाचार-प्रधान पर्यटन मॉडल को बढ़ावा देना, केंद्र व राज्यों के मध्य नीति निर्माण में समन्वय स्थापित करना, देश में 50 प्रमुख पर्यटन ग्लोबल डेस्टिनेशन्स का विकास व रोजगार सृजन, नए पर्यटन सर्किट का निर्माण एवं ग्लोबल डेस्टिनेशन की ओर उन्मुखता है। छत्तीसगढ़ सहित राजस्थान, पंजाब, उत्तराखंड, तमिलनाडु, तेलंगाना, पूर्वी व दक्षिणी राज्यों ने अपनी क्षेत्रीय विशेषताओं, पर्यटन सर्किट एवं नवाचार योजनाओं का प्रस्तुतिकरण दिया। सम्मेलन में केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया, राजस्थान की उपमुख्यमंत्री श्रीमती दिया कुमारी, विभिन्न राज्यों के पर्यटन मंत्री और अधिकारी उपस्थित थे।

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