Monday, November 17, 2025

किसान द्वारिका प्रसाद के चेहरे पर आई मुस्कान

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रायपुर :  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देशन में 15 नवंबर 2025 से प्रदेशभर में धान खरीदी तिहार का शुभारंभ हो चुका है। सरगुजा जिले के 54 धान उपार्जन केंद्रों में सभी व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं। खरीदी केंद्रों में टोकन वितरण, इलेक्ट्रॉनिक तुलाई, नमी परीक्षण, बारदाना उपलब्धता, बायोमेट्रिक और ऑनलाइन भुगतान जैसी सभी व्यवस्थाएं सुदृढ़ रूप से संचालित हो रही हैं।  कृषक द्वारिका प्रसाद यादव ने बताया कि धान उपार्जन केन्द्र से खाद बीज मिल जाता है, साथ ही केसीसी लोन से खरीफ-रबी दोनों फसलों के समय कृषि कार्य हेतु राशि भी आसानी से उपलब्ध हो जाती है, जिससे खेती करने में आसानी होती है।

धान का समर्थन मूल्य बढ़ा तो खेती बना लाभ का व्यवसाय

उदयपुर ब्लॉक अंतर्गत आदिम जाति सेवा सहकारी समिति डांड़गांव में सोमवार को धान बेचने पहुंचे, गुमगा गांव के कृषक द्वारिका प्रसाद यादव ने खरीदी व्यवस्था से अपनी संतुष्टि जाहिर करते हुए बताया कि इस साल उनका कुल 306 क्विंटल धान का रकबा जारी हुआ है। उन्होंने कहा कि पहला टोकन 50 क्विंटल का मिला है, आज मैं वही बेचने आया हूं। धान उपार्जन केंद्र की व्यवस्था अच्छी है। धान की तौलाई ठीक हो रही है, कोई परेशानी नहीं है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 3,100 प्रति क्विंटल का दाम मिलने से किसानों को बहुत लाभ मिला है।

सौर सुजला योजना से निर्बाध मिल रहा खेतों को पानी

कृषक यादव ने बताया कि सरकार की सौर सुजला योजना के तहत उन्हें तीन साल पहले सोलर पैनल मिला था, जिससे सिंचाई की समस्या काफी कम हो गई है। उन्होंने बताया कि सोलर पैनल से पंप चल जाता है। सिंचाई के लिए पानी की अब कोई दिक्कत नहीं होती।

समिति के माध्यम से खाद-बीज की पर्याप्त व्यवस्था
        
कृषक द्वारिका प्रसाद यादव ने शासन की योजनाओं को किसान हितैषी बताते हुए कहा कि हम सब किसान शासन की योजनाओं से पूरी तरह संतुष्ट हैं। शासन किसानों की हर जरूरत को प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने किसान हितैषी योजनाओं के लिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का आभार व्यक्त किया ।

शासन के निर्देशानुसार जिला प्रशासन ने सभी 54 धान उपार्जन केंद्रों में किसानों कि सुविधाओं के लिए पर्याप्त बारदाना, टोकन सिस्टम में पारदर्शिता, तुलाई में इलेक्ट्रॉनिक मशीन, नमी मापक यंत्र जैसी व्यवस्था सुनिश्चित कर ली गई हैं। जिला प्रशासन का लक्ष्य है कि खरीदी सीजन में किसी भी किसान को कतार, बारदाना या भुगतान जैसी किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े।

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