Champai Soren BJP : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री ओर जेएमएम के बागी चंपई सोरेन ने भाजपा में शामिल होने का ऐलान कर दिया है. सभी कयासों और सूत्रों से मिली जानकारी पर अपनी मुहर लगाते हुए चंपई सोरेन ने कहा है कि वो भाजपा में शामिल होने जा रहे हैं. चंपई सोरने ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखे अपने पोस्ट में कहा है कि झारखंड में घुसपैठ और आदिवासियों-दलितों की समस्या को अच्छी तरह से कोई समझता है तो वो हैं प्रधानमंत्री नरेंदिर मोदी और गृहमंत्री अमित शाह. इसलिए आदिवसियों के सम्मान और उनके हित में उन्होने भाजपा में शामिल होने के फैसला किया है.
Champai Soren ने BJP में शामिल होने से पहले सोशल मीडिया पर लिखा पोस्ट
जोहार साथियों,
पिछले हफ्ते (18 अगस्त) एक पत्र द्वारा झारखंड समेत पूरे देश की जनता के सामने अपनी बात रखी थी। उसके बाद, मैं लगातार झारखंड की जनता से मिल कर, उनकी राय जानने का प्रयास करता रहा। कोल्हान क्षेत्र की जनता हर कदम पर मेरे साथ खड़ी रही, और उन्होंने ही सन्यास लेने का विकल्प…
— Champai Soren (@ChampaiSoren) August 27, 2024
चंपई सोरेन ने सोशल मीडिया एक्स पर एक एक लंबा पोस्ट लिखा है जिसमें उन्होने लिखा कि – “जोहार साथियों, पिछले हफ्ते (18 अगस्त) एक पत्र द्वारा झारखंड समेत पूरे देश की जनता के सामने अपनी बात रखी थी. उसके बाद, मैं लगातार झारखंड की जनता से मिल कर, उनकी राय जानने का प्रयास करता रहा. कोल्हान क्षेत्र की जनता हर कदम पर मेरे साथ खड़ी रही, और उन्होंने ही सन्यास लेने का विकल्प नकार दिया. पार्टी में कोई ऐसा फोरम/मंच नहीं था, जहां मैं अपनी पीड़ा को व्यक्त कर पाता तथा मुझ से सीनियर नेता स्वास्थ्य कारणों से राजनीति से दूर हैं. आज बाबा तिलका मांझी और सिदो-कान्हू की पावन भूमि संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठ बहुत बड़ी समस्या बन चुका है. इस से दुर्भाग्यपूर्ण क्या हो सकता है कि जिन वीरों ने जल, जंगल व जमीन की लड़ाई में कभी विदेशी अंग्रेजों की गुलामी स्वीकार नहीं की, आज उनके वंशजों की जमीनों पर ये घुसपैठिए कब्जा कर रहे हैं. इनकी वजह से फूलो-झानो जैसी वीरांगनाओं को अपना आदर्श मानने वाली हमारी माताओं, बहनों व बेटियों की अस्मत खतरे में है. आदिवासियों एवं मूलवासियों को आर्थिक तथा सामाजिक तौर पर तेजी से नुकसान पहुंचा रहे इन घुसपैठियों को अगर रोका नहीं गया, तो संथाल परगना में हमारे समाज का अस्तित्व संकट में आ जायेगा. पाकुड़, राजमहल समेत कई अन्य क्षेत्रों में उनकी संख्या आदिवासियों से ज्यादा हो गई है. राजनीति से इतर, हमें इस मुद्दे को एक सामाजिक आंदोलन बनाना होगा, तभी आदिवासियों का अस्तित्व बच पाएगा. इस मुद्दे पर सिर्फ भाजपा ही गंभीर दिखती है और बाकी पार्टियां वोटों की खातिर इसे नजरअंदाज कर रही है. इसलिए आदिवासी अस्मिता एवं अस्तित्व को बचाने के इस संघर्ष में, मैने माननीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodiजी एवं गृह मंत्री श्री @AmitShah जी के नेतृत्व में आस्था जताते हुए भारतीय जनता पार्टी से जुड़ने का फैसला लिया है। झारखंड के आदिवासियों, मूलवासियों, दलितों, पिछड़ों, गरीबों, मजदूरों, किसानों, महिलाओं, युवाओं एवं आम लोगों के मुद्दों एवं अधिकारों के संघर्ष वाले इस नए अध्याय में आप सभी का सहयोग अपेक्षित है.
आपका, चम्पाई सोरेन. ”
झारखंड के पूर्व सीएम चंपई सोरेन के भाजपा में शामिल होने के बड़े राजनीतिक प्रभाव हो सकते हैं. आने वाले झाऱखंड चुनाव में चंपई सोरेन बीजेपी का बड़ा चेहरा साबित हो सकते हैं. चंपई सोरेन को लेकर जनता में पहले से ही सहानुभूति है. इसका फायदा बीजेपी को मिलना तय माना जा रहा है.
ये भी पढ़े:- Champai Soren joining BJP: इतिहास गवाह है कि JMM छोड़कर जाने वालों को वह सम्मान नहीं मिला…