Waqf Act: 15 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में वक्फ कानून के खिलाफ दायर याचिकाओं की संभावना होने के मदेदनज़र केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय में एक कैविएट दायर कर वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आदेश पारित करने से पहले उसका पक्ष सुनने की मांग की है.
Waqf Act पर केंद्र सरकार को सता रहा एक तरफा आदेश का डर
अब तक वक्फ विधेयक के खिलाफ 15 याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दायर की जा चुकी है. वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने चीफ जस्टिस ने इस मामले की सुनवाई जल्द करने की अपील की थी. जिसके बाद ये उम्मीद जताई जा रही थी कि सुप्रीम कोर्ट 15 अप्रैल से इसपर सुनवाई कर सकता है. जिसके चलते एकतरफा फैसला न हो जाए इस डर से घिरी केंद्र सरकार ने मामले में कोई भी फैसला सुनाने से पहले उसका पक्ष सुने जाने की अपील सुप्रीम कोर्ट से की है.
बजट सत्र में पास किया गया वक्फ अधिनियम
शुक्रवार को राज्यसभा में 13 घंटे की मैराथन बहस के बाद वक्फ (संशोधन) विधेयक को संसद ने मंजूरी दे दी. विपक्षी दलों ने विधेयक का कड़ा विरोध किया और इसे “मुस्लिम विरोधी” और “असंवैधानिक” बताया, जबकि सरकार ने इसे अल्पसंख्यक समुदाय को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से बनाया गया “ऐतिहासिक सुधार” बताया.
विधेयक राज्यसभा में 128 मतों के साथ पारित हुआ, जबकि 95 मतों के साथ. इससे पहले गुरुवार को विधेयक को लोकसभा में पारित किया गया, जहां 288 सदस्यों ने इसके पक्ष में और 232 ने इसके खिलाफ मतदान किया.
सरकार ने एक अधिसूचना जारी करते हुए कहा, “संसद के निम्नलिखित अधिनियम को 5 अप्रैल, 2025 को राष्ट्रपति की स्वीकृति प्राप्त हुई, और इसे सामान्य जानकारी के लिए प्रकाशित किया जाता है: वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025.”
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