Sunday, December 22, 2024

Modi Government Ordinance:केंद्र सरकार ने दिखाई सुप्रीम कोर्ट को अपनी ताकत, अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटा

दिल्ली : दिल्ली में अधिकारियों  की ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने जो आदेश दिया था उसे केंद्र सरकार ने एक अध्यादेश (Modi Government Ordinance) लाकर पलट दिया है. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पटलते हुए दिल्ली में अधिकारियों के पोस्टिंग का अधिकार एक बार फिर से उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को सौंप दिया है.

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क्या है केंद्र सरकार का अध्यादेश

 केंद्र सरकार ने अपने अध्यादेश में लिखा है कि दिल्ली एक केंद्र शासित (यूनियन टेरेटरी) राज्य है , लेकिन विधायिका के साथ. दिल्ली में प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति कार्यालय , कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठान हैं. सुप्रीम कोर्ट  समेत कई संवैधानिक संस्थाएं और विदेशी कार्यालय हैं. ऐसे में उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ये फैसला लिया गया है.   

केंद्र के अध्यादेश को AAP ने बताया सुप्रीम कोर्ट की अवमानना

केंद्र के आध्यादेश के बाद दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ने इसे सुप्रीम कोर्ट की अवमानना करार दिया. दिल्ली सरकार में शिक्षामंत्री आतिशी ने कहा कि केंद्र की सरकार अरविंद केजरीवाल से डरी हुई है. सरकार के अध्याजदेश से ये साफ है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना की गई है. एक चुनी हुई सरकार को पावर देन के दर से ये सरकार अध्यादेश लेकर आई है.

 

सीएम केजरीवाल ने पहले ही जताई थी आशंका – आतिशी , शिक्षा मंत्री ,दिल्ली सरकार

आतिशी ने कहा कि दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने पहले ही ये आशंका जता दी थी कि सरकार सुप्रीम कोर्ट का फैसला बदल सकती है. केजरीवाल ने अंदेशा जताया था कि उपराज्यपाल साहब कोर्ट का आदेश क्यों नहीं मान रहे हैं,दो दिन से सेवा सचिव की फाइल पर हस्ताक्षर नहीं किया, कहा जा रहा है कि  सरकार अगले हफ्ते अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोरेट का फैसला पलटनने वाली है. दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार स सवाल भी पूछा था कि “ क्या केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बदलने की साजिश कर रही है?

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को लेकर क्या दिया था फैसला ?

सुप्रीम कोर्ट ने पिछले सप्ताह दिल्ली सरकार के अधिकारों के लेकर चल रही सुनवाई में दिल्ली में अधिकारियों  से जुड़े सभी फैसले लेने का अधिकारी जनता द्वारा चुनी हुई सरकार को दे दिया था. इस में अधिकारियों के पोस्टिंग और तबादले सब शामिल थे. सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने फैसला दिया था कि पुलिस और जमीन जैसे मुद्दे को छोड़कर दिल्ली सरकार के पास विधायी और प्रशासनिक शक्तियां हैं.

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