Cash for Query Case:तृणमूल कांग्रेस की लोकसभा सांसद महुआ मोइत्रा की ‘कैश फॉर क्वेरी’ मामले में मुश्किलें बढ़ सकती हैं.लोकपाल के निर्देश पर CBI की ओर से मामले की प्रारंभिक जांच शुरू कर दी गई है. प्रारंभिक जांच में सीबीआई यह देखेगी कि महुआ मोइत्रा के खिलाफ लगे आरोपों में कितनी सच्चाई है, उसके बाद ही आगे की स्थिति स्पष्ट होगी.अभी सिर्फ पूछताछ की जायेगी कोई गिरफ्तारी नहीं होगी. इस जांच को शुरु करने पर विपक्ष की ओर से अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आई हैं.
Cash for Query Case क्या है?
महुआ मोइत्रा के पुराने मित्र और सुप्रीम कोर्ट में वकील जय अनंत देहाद्राई ने CBI में शिकायत दर्ज कराई थी.इस शिकायत में महुआ पर आरोप लगाया था कि उन्होंने संसद में सवाल पूछने के लिए रियल एस्टेट कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से पैसे लिए थे.अनंत ने इस मामले में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे को पत्र भी लिखा. दुबे ने इसकी शिकायत संसद की एथिक्स कमिटी में की और कमिटी ने इस मामले में जांच शुरू की. एथिक्स कमिटी इस मामले में महुआ मोइत्रा से पूछताछ भी कर चुकी है.इस मामले की शिकायत लोकपाल में भी की थी. CBI की जांच लोकपाल के आदेश से ही शुरू हुई है.
महुआ मोइत्रा ने एक्स पर किया ट्वीट
सीबीआई जांच शुरू किए जाने के मामले पर महुआ मोइत्रा ने अपने आधिकारिक हैंडल ‘एक्स’ पर लिखा कि ”यह देखकर आश्चर्य हुआ कि बिना किसी पूर्णकालिक अध्यक्ष के बिना लोकपाल ने मेरे मामले को सीबीआई को कैसे “रेफर” कर दिया. 3/11/23 की आरटीआई कहती है कि मई 2022 से लोकपाल का कोई अध्यक्ष नहीं है और 8 में से 3 सदस्य पद भी खाली हैं. हो सकता है कि पिटबुल एसोसिएशन की झारखंड शाखा भी बीजेपी के अधीन लोकपाल समिति के रूप में काम कर रही हो.
कानून अपना काम करेगा
बीजेपी युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद तेजस्वी सूर्या का कहना है, आरोप बहुत गंभीर हैं. एक संसद सदस्य की जिम्मेदारी संसद सदस्य के रूप में कार्य करना है. हम उन लोगों की आवाज बनना है जिन्होंने हमें उस पद के लिए चुना है ना कि कुछ कॉर्पोरेट संस्थाओं के एजेंट के रूप में काम करने वालों के लिए. उन्होंने कहा कि वाकई आरोप बेहद ही संगीन हैं और मैं इन आरोपों की सीबीआई जांच का स्वागत करता हूं. मुझे उम्मीद है कि कानून अपना काम करेगा और बहुत जल्द सच्चाई बाहर सामने आएगी.
सीबीआई और जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है.
TMC नेता शशि पांजा का कहना है कि यह हमारी पार्टी की सांसद, पार्टी और बंगाल को परेशान करने के लिए एक ठोस कोशिश और एक जादू-टोना है. हम उन पर लगे दो आरोपों के संबंध में फिर से तथ्य दोहरा रहे हैं. यह पूरी प्रक्रिया उनको बदनाम करने की है. टीएमसी नेता ने कहा कि इस तरह की हरकतों से वो बंगाल में जीत नहीं पाएंगे. सीबीआई और जांच एजेंसियों का उपयोग नहीं किया जा रहा है, उनका दुरुपयोग किया जा रहा है.