पटना, बिहार में शनिवार यानी (7 जनवरी) से जाति आधारित जनगणना की शुरुआत हो गई है. जातीय जनगणना की शुरूआत पटना के वीआईपी इलाकों से की गई है. ये वो इलाके हैं जहां मंत्रियों, विधायकों और अधिकारियों के घर हैं. जातीय गणना (Caste Census) के पहले चरण में सबसे पहले सभी घरों पर नंबरिंग की जाएगी. इसके साथ ही घर के मुखिया और बाकी सदस्यों के नाम भी लिखे जाएंगे.
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पहला चरण 21 जनवरी तक पूरा कर लिया जाएगा- डीएम
पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि, “हमने पूरी तैयारी से आज (शनिवार) जाति जनगणना (Caste Census) शुरू की है, प्रथम चरण 7 जनवरी से लेकर 21 जनवरी तक चलेगा जिसमें घरों की गणना की जाएगी. दूसरा चरण अप्रैल में होगा जिसमें सामाजिक आर्थिक से संबंधित जानकारी ली जाएगी. पटना में कुल 20 लाख परिवार है जिसकी गणना प्रथम चरण में होगी.”
जाति जनगणना को लेकर तेजस्वी ने साधा बीजेपी पर निशाना
बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने जातीय आधारित जनगणना (Caste Census) के शुरु होने पर खुशी जताई. उन्होंने कहा, “आज (शनिवार) बहुत ही ऐतिहासिक काम की शुरुआत हुआ है. ये लालू जी का पहले से ही मांग रहा है जिससे लेकर हम सड़क पर भी उतरे थे और मनमोहन जी की सरकार ने जाति जनगणना सर्वे भी कराया था लेकिन BJP ने इसके डेटा को भ्रष्ट बता दिया था.”
तेजस्वी यादव ने बीजेपी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि, “बीजेपी गरीब विरोधी है ये लोग नहीं चाहते कि जाति जनगणना (Caste Census) हो. जब हम लोग गए तभी भी बीजेपी ने बहुत नटक किया था. आज (शनिवार) इसकी शुरुआत हो रही है इससे सही डेटा आएगा तो हम उसी हिसाब से बजट का स्वरूप तैयार करेंगे और कल्याणकारी योजना बनेगी.”
जाति जनगणना के लिए कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी गई है-सीएम
शनिवार से बिहार में जाति आधारित गणना (Caste Census) शुरु होने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि, “सभी लोग अपनी-अपनी जाति के संबंध में सही जानकारी देंगे तो उसकी गणना ठीक ढंग से हो सकेगी. बहुत अच्छे ढंग से जाति की गणना होगी. हमने कहा है कि अगर यहां का कोई व्यक्ति बाहर में रह रहा है तो उसके साथ भी कम्युनिकेशन ठीक ढंग से होनी चाहिए. इससे सही मायने में सभी जातियों की संख्या की गिनती हो सकेगी. इससे पूरे राज्य की जनसंख्या की गिनती हो जायेगी. लोगों की आर्थिक स्थिति की जानकारी भी सरकार को हो जायेगी. लोगों की आर्थिक स्थिति की जानकारी मिलने से उनके विकास के लिए योजनाएं शुरु करने में मदद मिलेगी, इससे लोगों को फायदा मिलेगा और इलाके का विकास होगा. कोई अगर गरीब है तो उसके लिए क्या किया जाना चाहिए, ये सब जानकारी हो जायेगी. सिर्फ जाति की गणना (Caste Census) ही नहीं हो रही है उनकी आर्थिक स्थिति का सर्वेक्षण भी किया जायेगा. इससे एक-एक चीज की जानकारी सरकार को हो जायेगी कि आगे और क्या-क्या काम करना चाहिए ताकि सभी लोगों का विकास हो सके. हम लोग चाहते थे कि राष्ट्रीय स्तर पर जातीय जनगणना (Caste Census) हो लेकिन वे लोग सहमत नहीं हुए तो हम लोगों ने अपने स्तर से बिहार में इसे करने का फैसला लिया. यहां की जाति गणना होने के बाद हम लोग केंद्र को भी जानकारी दे देंगे. इससे देश के विकास और समाज के हर तबके के उत्थान में काफी मदद मिलेगी.”
पटना के वीआईपी इलाके से शुरु हुई जातीय जनगणना
पटना जिले को कुल 45 प्रक्षेत्र में बांटा गया है. यहां हर छह गणक खंड पर एक पर्यवेक्षक तैनात किए गया है, यानी पटना में ही कुल 2116 पर्यवेक्षक तैनात किए गए हैं. इस गणना में शामिल सभी कर्मियों को इसके लिए पहले ही प्रशिक्षण भी दिया गया है.
मकानों की गिनती पूरी होने के बाद दूसरे चरण में अप्रैल महीने से काम शुरु होगा. इस चरण में सभी मकानों में रहने वाले लोगों की सम्पूर्ण जानकारी दर्ज की जाएगी. जानकारी जमा करने के लिए जाति, पेशा समेत 26 कॉलम का फॉर्म बनाया गया है.