व्यापार: साल 2025 आम लोगों के लिए काफी राहत भरा रहा है. जहां केंद्र सरकार 12 लाख तक की कमाई को टैक्स फ्री कर दिया. वहीं दूसरी ओर देश के सेंट्रल बैंक ने फरवरी, अप्रैल और जून की पॉलिसी मीटिंग में ब्याज दरों में लगातार कटौती की. जिसकी वजह से आम लोगों के लिए लोन सस्ता हुआ. अब जीएसटी काउंसिल ने इनडायरेक्ट टैक्स में सबसे बड़ा रिफॉर्म कर जीएसटी स्लैब में बड़ा बदलाव किया और घर के जरूरी सामान के अलावा कई दूसरे प्रोडक्ट्स और सर्विसेज को सस्ता करने का काम किया.
अब एक बार फिर से आम लोगों में उम्मीद जगी है. इस बार उम्मीदें आरबीआई से है. 1 अक्टूबर को आरबीआई की एमपीसी पॉलिसी रेट का ऐलान करने वाली है. ऐसे में आम जनता को भरोसा है कि इस बार उनकी ईएमआई में कमी आएगी. इसके विपरीत रॉयटर्स पोल ने अपनी विपरीत राय रखी है. रॉयटर्स पोल में कहा गया है कि अक्टूबर और दिसंबर की पॉलिसी में आरबीआई ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करेगा. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर रॉयटर्स पोल से किस तरह की जानकारी सामने आई है.
आरबीआई नहीं करेगा ब्याज दरों में बदलाव
रॉयटर्स के अर्थशास्त्रियों के सर्वे के अनुसार, भारतीय रिजर्व बैंक 1 अक्टूबर और शेष वर्ष के लिए अपनी प्रमुख ब्याज दर 5.50 फीसदी पर बनाए रखेगा. इसका मतलब है कि आरबीआई अपनी पॉलिसी रेट में कोई बदलाव नहीं करेगा. इसका कारण बताते हुए पोल में कहा गया है कि केंद्रीय बैंक इकोनॉमी पर पिछली दरों में कटौती के प्रभाव का आकलन कर रहा है. भारी सरकारी खर्च के कारण, भारत की इकोनॉमी पिछली तिमाही में साल-दर-साल अपेक्षा से कहीं अधिक 7.8 फीसदी की दर से बढ़ी. इस बीच, निजी निवेश में गिरावट जारी है, जिससे पता चलता है कि पॉलिसी में ढील देने के लिए RBI द्वारा उठाए गए कदम अभी तक इकोनॉमी में पूरी तरह से प्रभावी नहीं हुए हैं. हालांकि नवंबर से एशिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी में महंगाई RBI के 2-6 फीसदी के लक्ष्य के भीतर रही है, लेकिन अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर हुआ है और इंपोर्ट को लगातार महंगा कर रहा है.
तीन चौथाई ने बदलाव ना होने का जताया अनुमान
रिपोर्ट के अनुसार ग्लोबल रिस्क अनिश्चितता को बढ़ा रहे हैं. अमेरिका के साथ ट्रेड टेंशन और नए वीजा मानदंडों ने इकोनॉमिक आउटलुक को धुंधला कर दिया है, जिससे रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया है और निवेशकों को भारतीय शेयर बाजार और दूसरे असेट्स बाहर निकलने के लिए प्रेरित किया है. मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी, जिसने अगस्त में सर्वसम्मति से ब्याज दरों को स्थिर रखने का फैसला लिया था, 29 सितंबर से 1 अक्टूबर की अपनी बैठक में भी इसी निर्णय पर कायम रहेगी. -24 सितंबर के रॉयटर्स सर्वे में लगभग तीन-चौथाई अर्थशास्त्रियों, यानी 61 में से 45 ने ऐसा अंदेशा जाहिर किया है. शेष 16 ने 25 आधार अंकों की कटौती का अनुमान लगाया है.
क्या कहते हैं जानकार?
केनरा बैंक के चीफ इकोनॉमिस्ट माधवनकुट्टी जी ने कहा कि मुझे दरों में किसी कटौती की उम्मीद नहीं है क्योंकि आरबीआई पहले ही अपना रुख स्पष्ट कर चुका है कि मॉनेटरी पॉलिसी का विकास दर को बढ़ावा देने पर सीमित प्रभाव पड़ता है. प्राइवेट इंवेस्टमेंट में अभी तक वृद्धि शुरू नहीं हुई है क्योंकि वेतन वृद्धि काफी हद तक स्थिर रही है और नौकरी की स्थिरता को लेकर भी चिंताएं हैं. यह सावधानी दूसरे अर्थशास्त्रियों के पूर्वानुमानों में भी देखने को मिली थी. जिनमें से 50 में से 26 ने अनुमान लगाया कि दरें कम से कम 2025 के अंत तक अपरिवर्तित रहेंगी. इससे पहले अगस्त के महीने में अनुमान लगाया गया था कि दिसंबर की पॉलिसी मीटिंग में कटौती की संभावना है.