Wednesday, August 6, 2025

रेपो रेट में फिलहाल कोई बदलाव नहीं, EMI में कमी और सस्ते लोन के लिए करना होगा इंतजार

- Advertisement -

RBI MPC Meeting व्यापार : भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बुधवार को केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति के फैसलों का एलान किया. एमपीसी की बैठक 4 अगस्त 2025 को शुरू हुई थी. केंद्रीय बैंक के गवर्नर ने बताया कि इस बार समिति ने सर्वसम्मति से रेपो रेट को स्थिर रखने का फैसला किया है. आइए जानते हैं एमपीसी की बैठक से जुड़ी अहम बातें….

RBI MPC Meeting : रेपो रेट  को स्थिर बनाये रखने का फैसला 

भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने लगातार तीन बार ब्याज दरों में कटौती के बाद, बुधवार को इसे 5.5 प्रतिशत पर स्थिर रखने का फैसला किया. केंद्रीय बैंक ने टैरिफ से अनिश्चितताओं जुड़ी चिंताओं के बीच अपना तटस्थ रुख भी बरकरार रखा. गवर्नर संजय मल्होत्रा ने इसका एलान किया.  उन्होंने  कहा कि मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने सर्वसम्मति से अल्पकालिक उधार दर या रेपो दर को तटस्थ रुख के साथ 5.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने का निर्णय लिया है.

विकास दर 6.6 पर बरकारार रहने का अनुमान 

चालू वित्त वर्ष की तीसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि वित्त वर्ष 2026 के लिए विकास दर का अनुमान 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है. तिमाही अनुमानों का विश्लेषण करते हुए, आरबीआई ने वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही के लिए वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत, दूसरी तिमाही के लिए 6.7 प्रतिशत, तीसरी तिमाही के लिए 6.6 प्रतिशत और चौथी तिमाही के लिए 6.3 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है.

अगले वित्त वर्ष 2026-27 की पहली तिमाही के लिए 6.6 प्रतिशत की वृद्धि दर का अनुमान है. केंद्रीय बैंक ने कहा कि विकास परिदृश्य के लिए जोखिम समान रूप से संतुलित हैं.

कैसी रहेगी महंगाई की दर ? 

एमपीसी के फैसलों के बारे में बताते हुए गवर्नर मल्होना ने चालू वित्त वर्ष के लिए महंगाई अनुमान को 3.7 प्रतिशत से घटाकर 3.1 प्रतिशत कर दिया. फरवरी 2025 से, आरबीआई नीतिगत दरों में 100 आधार अंकों की कटौती कर चुका है. जून में अपनी पिछली नीति समीक्षा में, उसने रेपो दर को 50 आधार अंकों की कटौती करके 5.5 प्रतिशत कर दिया था.

सरकार ने केंद्रीय बैंक को यह सुनिश्चित करने का काम सौंपा है कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा मुद्रास्फीति 2 प्रतिशत के मार्जिन के साथ 4 प्रतिशत पर बनी रहे. एमपीसी की सिफारिश के आधार पर, आरबीआई ने खुदरा मुद्रास्फीति में कमी के बीच फरवरी और अप्रैल में रेपो दर में 25 आधार अंकों की कटौती की तथा जून में 50 आधार अंकों की कटौती की. इस साल फरवरी से खुदरा मुद्रास्फीति 4 प्रतिशत से नीचे चल रही है. खाद्य कीमतों में कमी और अनुकूल आधार प्रभाव के कारण जून में यह छह साल के निचले स्तर 2.1 प्रतिशत पर आ गई.

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) में लगभग आधी हिस्सेदारी रखने वाली खाद्य मुद्रास्फीति जून में घटकर (-)1.06 प्रतिशत रह गई, जो मई में 0.99 प्रतिशत थी. यह गिरावट मुख्यतः सब्ज़ियों, दालों, मांस और मछली, अनाज, चीनी, दूध और मसालों जैसी प्रमुख श्रेणियों में कम कीमतों के कारण हुई.

टैरिफ

आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने एमपीसी की बैठक के बाद कहा कि टैरिफ घोषणाओं और व्यापार वार्ताओं के बीच बाहरी मांग की संभावनाएं अनिश्चित बनी हुई हैं. इन सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए, चालू वर्ष 2025-26 के लिए वास्तविक जीडीपी वृद्धि 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो हमारा पूर्व अनुमान था.”

अर्थव्यवस्था

आरबीआई को उम्मीद है कि घरेलू अर्थव्यवस्था सामान्य से बेहतर दक्षिण-पश्चिम मानसून, कम महंगाई, और अनुकूल वित्तीय परिस्थितियों से प्रभावित होगी. आरबीआई ने कहा कि ये कारक निरंतर आर्थिक गतिविधि के लिए एक सहायक पृष्ठभूमि प्रदान कर रहे हैं.

मांग

केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने इस बात पर जोर दिया कि मजबूत सरकारी पूंजीगत व्यय सहित सहायक मौद्रिक, नियामक और राजकोषीय नीतियों से मांग में और तेजी आने की संभावना है.

Html code here! Replace this with any non empty raw html code and that's it.

Latest news

Related news