Thursday, October 23, 2025

जल्द होने वाली भारत-रूस डील, दुनिया की बड़ी ताकतें रहें सतर्क

- Advertisement -

 India-Russia deal  व्यापार: भारत और रूस के रिश्तों ने पहले ही अमेरिका और उसके राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को परेशान किया हुआ है. भारत का रूसी तेल खरीदना अमेरिका को काफी परेशान किए हुए हैं. जिसकी वजह से ट्रंप ने रूसी तेल खरीदने पर भारत पर एक्स्ट्रा टैरिफ भी लगाया है. इस बार भारत और रूस जो डील करने जा रहे हैं, उससे ना सिर्फ ट्रंप और वॉशिंगटन की बल्कि इस्लामाबाद तक की नींद हराम होने वाली है. 10 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की इस डील से अमेरिका और पाकिस्तान दोनों के होश उड़ने वाले हैं. आखिर ये डील कौन सी है, जो काफी चर्चा में बनी हुई है? इससे भारत को कौन सा फायदा होने वाला है? इस डील से पाकिस्तान क्यों परेशान हैं? वहीं इस डील से अमेरिका या यूं कहें कि ट्रंप को क्यों दिक्कत हो सकती है? आइए इन तमाम सवालों का जवाब तलाशने की कोशिश करते हैं…

 India-Russia deal  : 10 हजार करोड़ रुपए की डील

भारत और रूस के बीच 10 हजार करोड़ रुपए की डील जल्द हो सकती है. ये डील उन मिसाइलों की होगी, जिनका इस्तेमाल भारत ने ऑपरेशन सिंदूर में किया था. वास्तव में भारत अपनी S-400 एयर डिफेंस सिस्टम के लिए रूस से लगभग 10,000 करोड़ रुपए की बड़ी संख्या में मिसाइलें खरीदने पर विचार कर रहा है. भारतीय वायु सेना के S-400 एयर डिफेंस सिस्टम ने चार दिनों तक चले संघर्ष के दौरान पाकिस्तान के भीतर 300 किलोमीटर से अधिक की दूरी पर पांच से छह पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों और एक जासूसी विमान को मार गिराया था और इसे भारतीय वायु सेना ने एक क्रांतिकारी बदलाव बताया है. एएनआई की रिपोर्ट में डिफेंस सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि भारतीय वायु सेना अपनी एयर डिफेंस क्षमताओं को और मजबूत करने के लिए बड़ी संख्या में मिसाइलें खरीदने पर विचार कर रही है. इस संबंध में रूसी पक्ष के साथ बातचीत पहले से ही चल रही है.

जल्द होगी डीएसी की बैठक

रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि रक्षा मंत्रालय 23 अक्टूबर को होने वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद यानी डीएसी की बैठक में भारतीय वायु सेना के प्रस्ताव को मंजूरी के लिए विचार करेगा. भारत और रूस ने 2018 में S-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम के पांच स्क्वाड्रन खरीदने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. भारतीय पक्ष अपने भंडार में और अधिक एस-400 स्क्वाड्रन जोड़ने पर भी विचार कर रहा है और रूस से मिसाइल सिस्टम के शेष दो स्क्वाड्रन की सप्लाई करने का अनुरोध कर रहा है, जिनमें से तीन पहले ही शामिल और चालू हो चुके हैं. तीन स्क्वाड्रन निर्धारित समय पर पहुंच गए, लेकिन चौथे स्क्वाड्रन की आपूर्ति से ठीक पहले रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध छिड़ गया.

भारत और रूस के सैन्य संबंध

दोनों पक्षों ने विभिन्न स्तरों पर और अधिक एस-400 और एस-500 एयर डिफेंस सिस्टम को शामिल करने की भारत की योजनाओं पर भी चर्चा की है. रूसी सैन्य प्रतिष्ठान यूक्रेन के खिलाफ लड़ाई में अपने बलों के लिए बड़ी मात्रा में उपकरण बना रहा है. भारत अपनी सीमाओं को मजबूत करने के लिए रूस से नई हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें खरीदने के विकल्प पर भी विचार कर रहा है. भारत और रूस ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों और उनके विभिन्न प्रकारों की क्षमताओं को और बढ़ाने पर भी चर्चा की है. भारत और रूस के बीच घनिष्ठ सैन्य संबंध हैं, और भारतीय वायु सेना की मारक क्षमता का एक बड़ा हिस्सा रूस से है. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी दिसंबर में भारत आने वाले हैं, जहां दोनों पक्ष अपने मिलिट्री हार्डवेयर सहयोग को और मज़बूत करने पर चर्चा करेंगे.

Html code here! Replace this with any non empty raw html code and that's it.

Latest news

Related news