आरा: जमाना कारोबार में कलाकारी का हो तो सभी अपना-अपना हुनर बेचने की दौड़ में जोर-शोर से लगे हैं. इसके लिए बाकायदा व्यावसायिक कंपनियों और समाज में लोकप्रिय लोगों की सेवाएं ली जा रही हैं. जब हर हुनरमंद अपनी हुनर बेच कर पैसे कमा रहा है तो महिलाएं पीछे क्यों रहे. अक्सर आपने गाय के गोबर का इस्तेमाल आपने गांवों में खाना बनाने के दौरान देखा और सुना होगा.
गाय का गोबर बना खजाना
लेकिन क्या आपने कभी गाय के गोबर से बन रहे घर के सजावट का सामान के बारे में सुना है. अगर नहीं तो यह खबर आपके लिए ही है, दरअसल बिहार के आरा में एडवोकेट सुधीर कुमार गाय के गोबर से घर के सजावट का सामान बना रहे है. साथ ही कई महिलाओं को ट्रेनिंग के बाद रोजगार भी दे रहे है. इस हुनर हाट की वजह से कई महिला और पुरुष अपना खुद का स्टार्टअप करके काफी तेजी से आगे बढ़ रहे है.
कुछ इसी प्रकार आरा में गोवर्धन गो सेवा केन्द्र ट्रस्ट के संचालक सुधीर कुमार अपने पक्के इरादों के बदौलत करीब एक वर्ष पहले अपना खुद का स्टार्टअप शुरू किया था. धीरे धीरे लोग इस हुनर को समझने लगे और देखते ही देखते यहां सैकड़ों महिलाएं गोबर से घर के सजावट का सामान बनाने लगी. इस स्टार्टअप के बाद से सुधीर कुमार महीने में लगभग सवा लाख रूपये तक कमा लेते है और इसी कमाई की मदद से काम कर रही महिलाओं को भुगतान कर रहे है.
कैसे शुरू हुआ ये अनोखा सटार्टअप
सुधीर कुमार ने बताया कि मैंने कोरोना काल से ही सोच लिया था, समाज के लिए कुछ अलग करना है. जिसके बाद मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और बिहार में गोबर से सामान बनाने का ट्रेनिंग लिया. हुनर हाट को सीख लेने के बाद फिर अपने शहर में इस प्रकार का रोजगार शुरू किया जा सके. लगभग एक वर्ष से अपने मित्र अखिलेश कुमार और उनकी पत्नी की मदद से स्टार्ट अप किया था. अब करीब एक साल से महिलायें गाय की गोबर से सामान बना रही है.
गोवर्धन गो सेवा केंद्र में वर्तमान समय में लगभग 15 महिलायें हस्तकला की माध्यम से लगभग 50 गोबर के सजावट की सामान बना रही है. यह सभी सामान काफी आकर्षक है। जिसकी बाजार में डिमांड हो रही है. गाय के गोबर से बने हैंडमेड क्राफ्ट की डिमांड ऑनलाइन के साथ साथ ऑफलाइन ज्यादा है। हालांकि सुधीर कुमार सोशल मीडिया की मदद से अपने केंद्र का प्रचार करते आ रहे है. वहीं शिव सुगंधा इंटरप्राइजेज की मदद से ऑनलाइन मार्केटिंग भी कर रहे है.
कैसे होता है काम?
सुधीर कुमार ने बताया कि सजावट के सामान बनाने के लिए सबसे पहले हम लोग गाय के गोबर को मशीन में अच्छी तरह पाउडर बना लेते है. जिसमें मुल्तानी मिट्टी ग्वारगम, चावल का पाउडर और इमली के बीज का अलग अलग पाउडर बनाते है. उसके बाद आते की तरह गूंथ कर सुखाते है. फिर सांचे की मदद से लगभग पचास प्रकार की सजावट की सामान बना रहे है. सामान तैयार होने के बाद रंग बिरंगी रंगों से कलर करके घर की शोभा बढ़ा रही है.
गोवर्धन गो सेवा केंद्र में हस्तकला की मदद से रोजगार कर रही महिलाओं को सुधीर कुमार हर महीने लाखों रूपये देते है. यानी 15 महिलाओं के हुनर और योग्यता के अनुरूप हर महीने आठ से दस हजार रुपये सुधीर कुमार भुगतान कर रहे है. वहीं सुधीर कुमार की बेटी स्नेहा कुमारी ने बताया कि मैं अपने पिता के साथ छह महीने से हस्तकला कर रही हूं और गाय की गोबर से सजावट का सामान बना रही हूं. पूनम कुमारी ने बताया कि वो प्रतिदिन लगभग पांच घंटे काम करती है. घर में करीब आठ परिवार है. घर में काम करने के बाद खाली बैठी रहती थी लेकिन अब घर का खर्च निकल जाता है. विद्यावती राज ने बताया कि सुधीर भैया की मदद से और हुनर हाट के माध्यम से अब महीने में आठ से दस हजार रुपये कमा लेती हूं.
हुनर की कीमत बाजार यानी मार्केट तय करता है. मार्केट के हिसाब से जिसका हुनर जितना बड़ा है उसे उतना ही ज्यादा पैसा मिलता है. यह पहले से होता आया है और आज भी हो रहा है.