Bulldozer Justice: सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने देश के अलग अलग राज्यों में आरोपियो के घरों पर की जा रही बुलडोजर कार्रवाई पर नाराजगी जाहिर करने के बाद बीएसपी सुप्रीमों मायावती ने मंगलवार को कोर्ट के फैसले के समर्थन में ट्विट कर कहा कि, “परिवार व नजदीकियों पर बुलडोजर का इस्तेमाल करने की बजाय सम्बन्धित अधिकारियों पर ही कठोर कार्यवाही होनी चाहिये, जो ऐसे तत्वों से मिलकर, पीड़ितों को सही न्याय नहीं देते हैं”
हमारी सरकार ने ’क़ानून द्वारा क़ानून का राज’ स्थापित कर दिखाया है-मायावती
बसपा प्रमुख मायावती ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर समर्थन करते हुए लिखा, “देश में आपराधिक तत्वों के विरुद्ध कार्रवाई कानून के तहत् होनी चाहिए तथा इनके अपराध की सजा उनके परिवार व नजदीकी लोगों को नहीं मिलनी चाहिए. यह सब हमारी पार्टी की रही सरकार ने ’क़ानून द्वारा क़ानून का राज’ स्थापित करके भी दिखाया है.“
आपराधिक तत्वों को सख्त कानूनों के तहत् भी निपटा जा सकता है-मायावती
बीएसपी सुप्रीमों ने कहा कि कड़े कानूनों की मदद से दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए, उन्होंने लिखा, “बुलडोजर का भी इस्तेमाल अब मा. सुप्रीम कोर्ट के आने वाले निर्णय के मुताबिक ही होना चाहिए. हालाँकि उचित तो यही होगा कि इसका इस्तेमाल करने की जरूरत ही ना पड़े क्योंकि आपराधिक तत्वों को सख्त कानूनों के तहत् भी निपटा जा सकता है.“
Bulldozer Justice: अधिकारियों पर ही कठोर कार्यवाही होनी चाहिये-मायावती
मायावती ने अधिकारियों की नकेल कसने की बात भी की, उन्होंने लिखा, “जबकि आपराधिक तत्वों के परिवार व नजदीकियों पर बुलडोजर का इस्तेमाल करने की बजाय सम्बन्धित अधिकारियों पर ही कठोर कार्यवाही होनी चाहिये, जो ऐसे तत्वों से मिलकर, पीड़ितों को सही न्याय नहीं देते हैं. सभी सरकारें इस ओर जरूर ध्यान दें.”
सुप्रीम कोर्ट ने Bulldozer Justice पर क्या कहा है
आपको बता दें, सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि ‘क्या कोई किसी का भी घर सिर्फ इसलिए तबाह कर सकता है, क्योंकि वह आरोपी है?’
सुप्रीम कोर्ट ने देश के अलग अलग राज्यों में आरोपियो के घरों पर की जा रही बुल्डोजर कार्रवाई पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि अगर कोई किसी मामले में दोषी पाया जाता है, तब भी उसपर कानून के आधार पर ही कार्रवाई होगी, बिना तय कानून के किसी का घर तबाह नहीं किया जा सकते है.
जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि – “सिर्फ इसलिए किसी का घर कैसे गिराया जा सकता है कि वो आरोपी है? अगर वह दोषी हो तब भी घर नहीं गिराया जा सकता है.
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