Thursday, December 19, 2024

Budget 2024: अंतरिम बजट को लेकर लगाए जा रहे हैं अनुमान, गरीब, युवाओं, किसानों और महिलाओं के लिए होगा कुछ खास

Budget 2024: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण छठी बार  Budget 2024  1 फरवरी को पेश करने जा रही हैं. अंतरिम बजट के बारे में कई अनुमान लगाये जा रहे हैं.  अनुमान लगाया जा रहा है कि मनरेगा के लिए आवंटन बढ़ाया जाएगा, PM Kisan सम्मान निधि में 6 के बजाय 8 या 10 हजार रुपये का प्रावधान किया जा सकता है, महिला मुखिया वाले परिवारों के लिए डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर के तहत नई स्कीम का ऐलान हो सकता है, आयकरदाताओं के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन 50 हजार रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये किया जा सकता है, इंश्योरेंस पर टैक्स रिबेट बढ़ाई जा सकती है, होम लोन के इंटरेस्ट पेमेट पर टैक्स छूट में इजाफा किया जा सकता है, स्टार्टअप्स की सहूलियत बढ़ाने के इंतजाम हो सकते हैं.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपना छठा Budget 2024  1 फरवरी को पेश करने जा रही हैं.
                       वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपना छठा Budget 2024  1 फरवरी को पेश करने जा रही हैं.

सरकार का ये बजट गरीब, युवाओं, किसानों और महिलाओं के लिए बहुत खास हो सकता है. प्रधानमंत्री भी इस बात को कह चुके हैं कि मेरे लिए देश में केवल यही 4 जातियां हैं. ऐसे में मुमकिन है कि अंतरिम बजट का फोकस इन 4 वर्ग पर सबसे ज्यादा रहे . यही वजह है कि आम चुनाव को देखते हुए इस बार के बजट में केन्द्र सरकार देश की आधी आबादी यानी महिलाओं को लुभाने के लिए कई बड़े ऐलान कर सकती है.

Budget 2024 : महिला किसानों के लिए सम्मान निधि को भी बढ़ाया जा सकता है

इस बार के अंतरिम बजट में महिलाओं के लिए भी बजट का आकार बढ़ाया जा सकता है. खासकर कृषि क्षेत्र में तो महिलाओं के लिए भारी भरकम ऐलान किए जाने की जरूरत है. महिलाओं के लिए जिन बड़े एलानों को किए जाने की संभावना है उनमें सबसे पहला है- महिलाओं के लिए बजट एलोकेशन में बढ़ोतरी किया जाना, जो बीते 10 साल में 30 फीसदी बढ़ चुका है. महिला किसानों के लिए सम्मान निधि को बढ़ाकर 12 हजार किया जा सकता है. मनरेगा के लिए महिलाओं को विशेष आरक्षण और ज्यादा मानदेय देने की संभावना है. इसके लिए महिलाओं को ब्याज रहित लोन की पेशकश की जा सकती है.

यानी संभव है कि आर्थिक रुप से पिछड़ी महिलाओं के लिए चुनाव से पहले पिटारा खोलने में सरकार कोई कंजूसी नहीं करेगी. भारत में लेबर फोर्स में महिलाओं की 24 फीसदी हिस्सेदारी है, जबकि GDP में इनका योगदान 17 फीसदी है. इतनी कम भागीदारी से भारत के लिए 5 ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी बनना आसान नहीं होगा. वर्ल्ड बैंक के मुताबिक भारत में महिलाओं और पुरुषों की लेबर फोर्स में बराबर हिस्सेदारी होने से देश की GDP में 27 फीसदी का भारी उछाल आ सकता है.

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नैशनल स्टैटिस्टिक्स ऑफिस (NSO) ने मौजूदा वित्त वर्ष में GDP ग्रोथ 7.3% होने का अनुमान लगाया है, लेकिन संस्था का यह भी कहना है कि कृषि क्षेत्र की ग्रोथ 1.8% ही रह सकती है. रोजगार का मामला भी अच्छा नहीं दिख रहा. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी के अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के आंकड़ों के मुताबिक, 20 से 24 साल के एज ग्रुप में बेरोजगारी दर 44% से अधिक रही. जुलाई से सितंबर तक के तीन महीनों यह 43% से अधिक थी. 25 से 29 साल के एज ग्रुप में 14.33% के साथ बेरोजगारी दर 14 महीनों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई, जो जुलाई-सितंबर तिमाही में साढ़े 13% थी. लिहाजा अंतरिम बजट में नौजवानों और किसानों को ध्यान में रखते हुए कुछ ऐलान किए जा सकते हैं. चुनावी मौका है तो महिलाएं और कम आमदनी वाले टैक्सपेयर भी सरकार की नजर में होंगे.

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