लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार राज्य में आये दिन होने वाली लिफ्ट दुर्घनाटओं को रोकने के लिए प्रदेश में एक नया बिल लाने की तैयारी में है. इसके लिए सोमवार को कैबनेट की बैठक में UP Lift and Escalator Act के प्रारुप को मंजूरी मिली है. इस बिल के मुताबिक किसी भी बिल्डिंग, मॉल या अन्य किसी भी स्थान पर लिफ्ट (Lift) लगाने या एस्कलेटर (Escalator) लगाने के लिए पहले उर्जा विभाग से अनुमति लेनी होगी .साथ ही साथ हर साल इसकी अनिवार्य सर्विसिंग के लिए गारंटी देनी होगी. इस बिल के जरिये सरकार लिफ्ट हादसों के कारण होने वाली लापरवाहियों के लिए जिम्मदेरी तय करने का प्रयास कर रही है.
UP Lift and Escalator Act कई राज्यो में है लागू
सोमवार को यूपी विधानसभा के बजट सत्र के दौरान बजट पेश करने के बाद सीएम योगी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई जिसमें इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. यूपी में सरकार ने सोमवार को इसके प्रारुप को अनिवार्य करते हुए प्रारुप को मंजूरी दी है, लेकिन देश के कई हिस्सो जैसे गुजरात , महाराष्ट्र, केरल,कर्नाटक,तमिलनाडु ,पश्चिमबंगाल, दिल्ली, हरियाणा और हिमाचल में ये एक्ट पहले से लागू है.
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दिल्ली एनसीआर मेें अक्सर लोग होते हैं लिफ्ट हादसो के शिकार
दरअसल महानगरों में बन रहे मल्टी स्टोरी बिल्डिंग्स के लिए लिफ्ट सबस जरुरी साधनों में से एक है. बड़े शहरों में रहने वाले बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक सभी के लिए ये साधन अनिवार्य हैं.इन दिनों दिल्ली एनसीआर में धडल्ले से बन रही बड़ी बड़ी बिल्लडिंगों में लिफ्ट कई बार केवल खान पूर्ति के लिए लिफ्ट लगा दिये जाते हैं, जिसमें सुरक्षा का घोर अभाव रहता है. इसे देखते हुए ही नागरिक सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए योगी सरकार ने बिल को लाने के लिए कैबिनेट की मंजूरू देते हुए लिफ्ट लगाने के लिए सरकार की अनुमति लेना अनिवार्य कर दिया है.

