14 जुलाई को बैस्टिल दिवस परेड के लिए फ्रांस में सैन्य दल ने ‘सारे जहां से अच्छा हिंदोस्तां हमारा’ की धुन पर मार्च अभ्यास किया. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन के निमंत्रण पर, पीएम मोदी 14 जुलाई को फ्रांस के राष्ट्रीय दिवस पर सम्मानित अतिथि होंगे.
#WATCH पेरिस: भारतीय त्रि-सेवा दल ने 14 जुलाई को बैस्टिल दिवस परेड के लिए फ्रांस में अभ्यास सत्र आयोजित किया।
सैन्य दल ने ‘सारे जहां से अच्छा हिंदोस्तां हमारा’ की धुन पर मार्च अभ्यास किया।
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महिला अधिकारी करेंगी मार्चिंग दल का नेतृत्व
जानकारी के मुताबिक, फ्रांस में बैस्टिल डे परेड में भारतीय वायुसेना के मार्चिंग दल का नेतृत्व भारतीय वायु सेना की एक महिला अधिकारी करेंगी. सेना बैंड के साथ सेना और नौसेना की मार्चिंग टुकड़ियां भी अपने फ्रांसीसी समकक्षों के साथ फ्रांस के राष्ट्रीय दिवस परेड में भाग ले रही हैं.
बैस्टिल डे परेड की रिहर्सल में पेरिस में भारतीय त्रि-सेवा के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद हैं.
भारत के लिए गर्व की बात
बैस्टिल डे परेड में शामिल होने फ्रांस पहुंचे भारतीय नौसेना के कमांडर प्रतीक कुमार ने कहा कि, “यह न केवल सशस्त्र बलों के लिए बल्कि पूरे भारत के लिए एक बड़ी गर्व की बात है कि हमने फ्रांस सरकार के प्रतिष्ठित कार्यक्रम के लिए बैस्टिल डे परेड में प्रतिनिधित्व किया है. हमें खुशी है कि हम सेना, नौसेना और वायु सेना की त्रि-सेवा टुकड़ी के हिस्से के रूप में यहां हैं. परेड में सेना का बैंड भी मार्च पास्ट करेगा.”
#WATCH यह न केवल सशस्त्र बलों के लिए बल्कि पूरे भारत के लिए एक बड़ी भावना है कि हमने फ्रांस सरकार के प्रतिष्ठित कार्यक्रम के लिए बैस्टिल डे परेड में प्रतिनिधित्व किया है। हमें खुशी है कि हम सेना, नौसेना और वायु सेना की त्रि-सेवा टुकड़ी के हिस्से के रूप में यहां हैं। परेड में सेना… pic.twitter.com/K55BUSm7PG
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बैस्टिल दिवस क्या है?
आपको बता दें, क्रांतिकारी विद्रोहियों ने जुलाई 1789 में फ्रांस के बैस्टिल नामक मध्ययुगीन शस्त्रागार और राजनीतिक जेल पर हमला कर दिया था, जो फ्रांसीसी क्रांति में एक महत्वपूर्ण फ्लैशपॉइंट था. 14 जुलाई को हर साल फ्रांस में राष्ट्रीय अवकाश होता है. – जिसे स्थानीय रूप से ‘बैस्टिल डे’ कहते हैं. हालाँकि, यह ध्यान देने वाली बात ये है कि बैस्टिल डे समारोह वास्तव में 1790 के फेटे डे ला फेडरेशन को चिह्नित करने के लिए मनाया जाता है. ये सिर्फ एक संयोग है कि बैस्टिल दिवस की पहली वर्षगांठ के साथ ये मेल खाते हैं.
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