अयोध्या में राम मंदिर निर्माण मंगलवार को पूरा हो गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर पर ध्वजारोहण कर इसके निर्माण के पूरे होने का एलान कर दिया. राम मंदिर Ayodhya Ram Mandir प्राण प्रतिष्ठा के समय से ही ये सवाल उठ रहे है कि आखिर विपक्षी नेता कब राम मंदिर में दर्शन के लिए जाएंगे. खासकर अखिलेश यादव जो उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भी रह चुकें है.
Ayodhya Ram Mandir पर पीएम ने किया ध्वजारोहण
मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या के राम मंदिर में ‘धर्मध्वजा’ (धार्मिक झंडा) फहराया के कार्यक्रम को लेकर ये सवाल उठे की क्या विपक्ष इसमें शामिल होगा. ऐसे ही सवालों के जवाब में अखिलेश यादव ने मंगलवार को एक्स पर एक पोस्ट लिख कहा, “दर्शन के लिए ईश्वरीय इच्छा ही मार्ग बनाती है, वही बुलाती है.”
पूर्णता ही पूर्णता की ओर ले जाती है।
ईश्वरीय प्रेरणा से इटावा में निर्माणाधीन ‘श्री केदारेश्वर महादेव मंदिर’ के पूर्ण होने पर अन्य मंदिरों के दर्शन का संकल्प भी पूर्ण करेंगे।
आस्था जीवन को सकारात्मकता और सद्भाव से भरनेवाली ऊर्जा का ही नाम है। दर्शन के लिए ईश्वरीय इच्छा ही…
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) November 25, 2025
इटावा महादेव मंदिर पूरा होने के बाद दूसरे मंदिर भी जाएंगे-अखिलेश
एक्स पर लिखी अपनी पोस्ट में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दोहराया कि वह दूसरे मंदिरों में तभी जाएंगे जब उनके गृह जिले इटावा में समाजवादी पार्टी (SP) के द्वारा बनाए जा रहे केदारेश्वर महादेव मंदिर का काम पूरा हो जाएगा.
उन्होंने X पर लिखा, “पूर्णता ही पूर्णता की ओर ले जाती है. ईश्वरीय प्रेरणा से इटावा में निर्माणाधीन ‘श्री केदारेश्वर महादेव मंदिर’ के पूर्ण होने पर अन्य मंदिरों के दर्शन का संकल्प भी पूर्ण करेंगे.”
अखिलेश यादव ने आगे लिखा, “आस्था जीवन को सकारात्मकता और सद्भाव से भरनेवाली ऊर्जा का ही नाम है. दर्शन के लिए ईश्वरीय इच्छा ही मार्ग बनाती है, वही बुलाती है. सच तो ये है कि हम सब तो ईश्वर के बनाएं मार्ग पर बस चलकर जाते हैं. आस्थावान रहें, सकारात्मक रहें!”
इटावा में समाजवादी पार्टी केदारनाथ मंदिर की कॉपी बनवा रही है
समाजवादी पार्टी इटावा में उत्तराखंड के केदारनाथ मंदिर की कॉपी के तौर पर केदारेश्वर महादेव मंदिर बनवा रही है. इसे भारतीय जनता पार्टी (BJP) के हिंदुत्व वाले नैरेटिव का मुकाबला करने की SP की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है.
इटावा मंदिर का उद्घाटन उत्तर प्रदेश में 2027 के चुनावों से पहले 2026 में होना है. भगवान शिव को समर्पित, यह मंदिर 10 एकड़ एरिया में बनाया जा रहा है.
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