बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की प्रमुख मायावती Mayawati ने सोमवार को अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता का हवाला देते हुए पार्टी से निष्कासित कर दिया. इससे एक दिन पहले ही उन्हें बीएसपी के सभी प्रमुख पदों से हटा दिया गया था.
एक्स पर पोस्ट लिख किया आकाश को निकालने का एलान
एक्स पर लिखे एक पोस्ट में मायावती ने कहा, “अतः परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान मूवमेन्ट के हित में तथा मान्यवर श्री कांशीराम जी की अनुशासन की परम्परा को निभाते हुए श्री आकाश आनन्द को, उनके ससुर की तरह, पार्टी व मूवमेन्ट के हित, में पार्टी से निष्कासित किया जाता है.”
1. बीएसपी की आल-इण्डिया की बैठक में कल श्री आकाश आनन्द को पार्टी हित से अधिक पार्टी से निष्कासित अपने ससुर श्री अशोक सिद्धार्थ के प्रभाव में लगातार बने रहने के कारण नेशनल कोआर्डिनेटर सहित सभी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया गया था, जिसका उसे पश्चताप करके अपनी परिपक्वता दिखानी थी।
— Mayawati (@Mayawati) March 3, 2025
उसे पश्चताप करके अपनी परिपक्वता दिखानी थी- Mayawati
मायावती ने रविवार को अपने भतीजे आनंद को पार्टी के सभी पदों से हटा दिया और उनकी जगह उनके पिता आनंद कुमार और राज्यसभा सांसद रामजी गौतम को राष्ट्रीय समन्वयक नियुक्त किया था. उन्होंने यह भी कहा कि वह अपने जीवनकाल में किसी उत्तराधिकारी का नाम नहीं बताएंगी.
मायावती ने आकाश आनंद को पार्टी से निकालने की वजह भी बताई, अपने एक्स पोस्ट में वीएसपी प्रमुख ने लिखा, “बीएसपी की आल-इण्डिया की बैठक में कल श्री आकाश आनन्द को पार्टी हित से अधिक पार्टी से निष्कासित अपने ससुर श्री अशोक सिद्धार्थ के प्रभाव में लगातार बने रहने के कारण नेशनल कोआर्डिनेटर सहित सभी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया गया था, जिसका उसे पश्चताप करके अपनी परिपक्वता दिखानी थी.“
“लेकिन इसके विपरीत श्री आकाश ने जो अपनी लम्बी-चौड़ी प्रतिक्रिया दी है वह उसके पछतावे व राजनीतिक मैच्युरिटी का नहीं बल्कि उसके ससुर के ही प्रभाव वाला ज्यादातर स्वार्थी, अहंकारी व गैर-मिशनरी है, जिससे बचने की सलाह मैं पार्टी के ऐसे सभी लोगों को देने के साथ दण्डित भी करती रही हूँ.”
आकाश आनंद ने एक्स पर पोस्ट लिख रखा अपना पक्ष
आकाश आनंद ने अपने को पार्टी के सभी पदों से हटाने के फैसले पर एक लंबी पोस्ट लिखकर अपनी बात रखी थी. एक्स पर लिखी पोस्ट में उन्होंने कहा, “मैं परमपूज्य आदरणीय बहन कु. मायावती जी का कैडर हूं, और उनके नेतृत्व में मैने त्याग, निष्ठा और समर्पण के कभी ना भूलने वाले सबक सीखे हैं, ये सब मेरे लिए केवल एक विचार नहीं, बल्कि जीवन का उद्देश्य हैं. आदरणीय बहन जी का हर फैसला मेरे लिए पत्थर की लकीर के समान है, मैं उनके हर फैसले का सम्मान करता हूं उस फैसले के साथ खड़ा हूं.
आदरणीय बहन कु. मायावती जी द्वारा मुझे पार्टी के सभी पदों से मुक्त करने का निर्णय मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से भावनात्मक है, लेकिन साथ ही अब एक बड़ी चुनौती भी है, परीक्षा कठिन है और लड़ाई लंबी है.“
क्या संघर्ष जारी रखने के एलान से भड़क गई मायावती
वहीं आकाश आनंद ने अपने पोस्ट में संघर्ष जारी रखने की बात कही, “ऐसे कठिन समय में धैर्य और संकल्प ही सच्चे साथी होते हैं. बहुजन मिशन और मूवमेंट के एक सच्चे कार्यकर्ता की तरह, मैं पार्टी और मिशन के लिए पूरी निष्ठा से काम करता रहूंगा और अपनी आखिरी सांस तक अपने समाज के हक की लड़ाई लड़ता रहूंगा.
कुछ विरोधी दल के लोग ये सोच रहे हैं कि पार्टी के इस फैसले से मेरा राजनीतिक करियर समाप्त हो गया, उन्हें समझना चाहिए कि बहुजन मूवमेंट कोई करियर नहीं, बल्कि करोड़ों दलित, शोषित, वंचित और गरीबों के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान की लड़ाई है.
यह एक विचार है, एक आंदोलन है, जिसे दबाया नहीं जा सकता. इस मशाल को जलाए रखने और इसके लिए अपना सब कुछ न्यौछावर करने के लिए लाखों आकाश आनंद हमेशा तैयार हैं.“
एक और चंद्रशेखर आज़ाद बनने क तैयारी?
असल में आकाश आनंद के इस पोस्ट के बाद मीडिया में खबर आने लगी थी कि यूपी की राजनीति में एक और चंद्रशेखर आज़ाद पैदा हो गया है. मायावती के ऊपर वैसे भी बीजेपी के दबाव में निष्क्रिय रहने का आरोप लगता रहा है ऐसे में आकाश आनंद का बीएसपी से अलग सफर कैसा होगा? क्या इससे फिर एक बार यूपी की राजनीति में शांत हो गए दलित आंदोलन को बल मिलेगा?