Friday, October 10, 2025

इंडिया ब्लॉक के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार B Sudershan Reddy ने नामांकन पत्र दाखिल किया

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गुरुवार को विपक्ष के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) बी. सुदर्शन रेड्डी  ने उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया.

बी. सुदर्शन रेड्डी की ओर से नामांकन पत्र के चार सेट दाखिल किए है. इनपर कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, द्रमुक के तिरुचि शिवा समेत 160 सांसदों ने बतौर प्रस्तावक व अनुमोदक के तौर पर हस्ताक्षर किए हैं.

इससे पहले बुधवार को उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में नामित सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति B Sudershan Reddy ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सराहना की.
पत्रकारों से बातचीत करते हुए उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी ने कहा कि राहुल गांधी सड़कों पर सन्नाटा नहीं रहने देते और उन्होंने सरकारों को कार्रवाई करने के लिए सफलतापूर्वक राजी किया है, जैसे कि तेलंगाना सरकार ने व्यवस्थित जाति जनगणना कराई है.

राहुल गांधी सड़कों को खामोश नहीं रहने देते- B Sudershan Reddy

रेड्डी ने राममनोहर लोहिया की इस शब्दों को याद करते हुए कहा, “जब सड़कें खामोश होती हैं, सदन आवारा हो जाती है.” उन्होंने कहा, “राहुल गांधी सड़कों को खामोश नहीं रहने देते. यह उनका स्वभाव और आदत बन गई है, और एक के बाद एक चुनौतियों का सामना करना उनकी यात्रा का हिस्सा है… उन्होंने तेलंगाना सरकार को इसे (जाति जनगणना) व्यवस्थित तरीके से करने के लिए सफलतापूर्वक राजी कर लिया.”

SIR पर जताई चिंता, कहा- संविधान के लिए एक बड़ा खतरा है

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, रेड्डी ने बिहार में मौजूदा संकट पर भी चिंता व्यक्त की और कहा कि सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार गंभीर चुनौती का सामना कर रहा है, जो संविधान के लिए एक बड़ा खतरा है.
बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर, रेड्डी ने मतदान के अधिकार के महत्व पर ज़ोर देते हुए इसे “आम आदमी के हाथ में एकमात्र साधन या हथियार” बताया.

जब इस अधिकार को छीनने की कोशिश की जाएगी, तो रेड्डी ने सवाल उठाया कि लोकतंत्र में क्या बचेगा.
रेड्डी ने कहा, “सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार गंभीर चुनौती का सामना कर रहा है. बिहार जिस संकट का सामना कर रहा है, उससे ज़्यादा गंभीर चुनौती और संविधान के लिए ख़तरा और कुछ नहीं हो सकता. मतदान का अधिकार, आम आदमी के हाथ में एकमात्र साधन या हथियार है. जब इसे छीनने की कोशिश की जाएगी, तो लोकतंत्र में क्या बचेगा?”

तेलंगाना जाति जनगणना को बताया मौजूदा सत्ताधारी व्यवस्था के लिए एक बड़ी चुनौती

रेड्डी ने तेलंगाना जाति जनगणना के लिए एक विशेषज्ञ समूह का नेतृत्व किया और भविष्यवाणी की कि यह सत्तारूढ़ व्यवस्था के लिए एक बड़ी चुनौती होगी. उन्होंने उम्मीद जताई कि यह अध्ययन व्यवस्थित होगा, न कि सिर्फ़ दिखावे के लिए.
उन्होंने मीडिया से कहा, “जब काम पूरा हो गया, जब मैं वह रिपोर्ट पेश कर रहा था… मैंने कहा था कि अब यह मौजूदा सत्ताधारी व्यवस्था के लिए एक बड़ी चुनौती होगी, और मैं सही साबित हुआ… हमें इस बात का इंतज़ार रहेगा कि यह यात्रा कितनी लंबी होगी और क्या यह एक व्यवस्थित अध्ययन होगा या सिर्फ़ दिखावे के लिए. अगर वे वाकई गंभीर हैं, तो मैं उन्हें सलाह देने वाला कोई नहीं हूँ.”

इंडिया ब्लॉक ने उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर बी सुदर्शन रेड्डी के नाम की घोषणा

इससे पहले बुधवार को, इंडिया ब्लॉक के सदस्यों ने संविधान सदन के सेंट्रल हॉल में रेड्डी के साथ चर्चा की.
रेड्डी के नामांकन की घोषणा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने की, जिन्होंने उन्हें भारत के सबसे प्रतिष्ठित और प्रगतिशील न्यायविदों में से एक बताया.
कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, खड़गे, डीएमके सांसद तिरुचि शिवा, समाजवादी पार्टी के सांसद राम गोपाल यादव सहित 80 अन्य सांसदों ने इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवार के नामांकन पत्र पर प्रस्तावक के रूप में हस्ताक्षर किए.

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