Friday, November 8, 2024

विपक्ष की Privacy पर है सरकार की नजर, Phone Hack करने की क्या है सच्चाई ?

दिल्ली :  देश में फिर एक बार Pegasus  का शोर मचा है. विपक्षी गठबंधन इंडिया के नेताओं ने एक के बाद एक सोशल मीडिया पर एप्पल फोन कंपनी के द्वारा भेजी गई चेतावनी को साझा किया जिसमें उनके फोन की हैकिंग Phone Hack को लेकर चेतावनी दी गई थी. सांसदों को एप्पल की ओर से चेतावनी दी गई है कि आपके फोन को  हैक Phone Hack करने की कोशिश हो रही है. इस पूरे बवाल में खास बात ये थी कि एपप्ल की जो चेतावनी आई थी उसमें साफ लिखा था कि हैकिंग की कोशिश State sponsored attackers द्वारा की गई है.

Phone Hack करने पर विपक्ष का बवाल

“खूब परदा है कि चिलमन से लगे बैठे हैं, साफ छुपते भी नहीं सामने आते भी नहीं”

असदउद्दीन ओवैसी ने ये शेर उस जानकारी के साथ साझा किया जिसे एप्पल कंपनी ने उन्हें फोन की सुरक्षा की चेतावनी देते हुए भेजा था. ओवैसी की तरह ही अखिलेश यादव ने भी ट्वीट किया उन्होंने लिखा  “ये बड़े दुख की बात है, सुबह ये जानकारी मिली और इस प्रकार का मैसेज कंपनी के माध्यम से आया है. मैसेज में बताया जा रहा है कि स्टेट की ओर से आपका फोन हैक किया जा रहा है. दुख की बात है कि लोकतंत्र में आजादी और निजता को भी ये खत्म करना चाहते हैं. जासूसी किस लिए? इसकी जांच होनी चाहिए.” इसी तरह शिवसेना(उद्धव ठाकरे गुट) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, ” मैं 15-20 साल से एप्पल इस्तेमाल कर रही हूं, कभी इस प्रकार का कोई मेल नहीं आया. ये एक गंभीर वार्निंग थी. उसमें साफ लिखा था कि स्टेट स्पॉन्सर्ड अटैकर्स द्वारा किया गया है, ये केंद्र सरकार की ओर से प्रायोजित एक कार्यक्रम है.”

इंडिया गुट इसे लेकर मोदी सरकार पर हमलावर हुआ ही था कि इस बीच राहुल गांधी ने विपक्ष की ओर से मोर्चा संभाल लिया. राहुल ने इस पूरे मामले को अडानी से जोड़ते हुए कहा कि असल में हमने अडानी पर वार किया इसलिए हम निशाने पर हैं. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की जान अडानी में है.

Apple ने दी सफाई

राहुल की प्रेस कॉन्फ्रेंस के एक घंटे के बाद ही एप्पल की तरफ से सफाई आ गई. ऐप्पल ने कहा “Apple खतरे की सूचनाओं का श्रेय किसी विशिष्ट राज्य-प्रायोजित हमलावर को नहीं देता है. हलांकि ऐप्पल ने बात को बहुत घुमाया लेकिन एप्पल कंपनी ने अपनी चेतावनी को पूरी तरह से खारिज नहीं किया. यानी एप्पल ने ये तो कहा कि जिनको मेल गया उनके फोन पर हैकर्स का हमला हुआ लेकिन किसने किया ये बताने में खुद को असमर्थ बता दिया. एप्पल की सफाई आई ही थी कि सरकार भी जांच कराने की बात करते हुए मैदान में आ गई. केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि कुछ साथियों ने Apple अलर्ट के बारे में संदेश दिए हैं, ऐसे में हम मामले की तह तक जाएंगे. मंत्री जी ने ये भी कहा कि विपक्षी दलों की आदत है कि जब भी कोई अहम मुद्दा नहीं होता तो कहते हैं कि जासूसी हुई है. इन्होंने ये आरोप कुछ साल पहले भी लगाने की कोशिश की थी. इसकी जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हुई, लेकिन कुछ नहीं निकला.

Pegasus पर पहले भी हो चुका है बवाल

आईटी मंत्री अश्विन वैष्णव उसी पेगेसेस मामले की बात कर रहे थे जिसमें एक साल पहले सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त विशेषज्ञ समिति ने कहा था कि, उनके द्वारा विश्लेषण किए गए 29 फोन में पेगासस स्पाइवेयर की मौजूदगी को लेकर अनिर्णायक सबूत मिले हैं. यानी पेगसेस था कि नहीं इसको जांचने में तब भी सरकार ने सहयोग नहीं किया था. और अब भी सरकार जो सफाई दे रही है उसमें सवाल तो उठते ही हैं कि ये एप्पल का अलर्ट मेल सिर्फ विपक्ष के नेताओं को ही क्यों आया. अगर ये फॉल्स अलर्ट था तो देश में लाखों लोग एप्पल फोन यूज करते है उन्हें भी ये अलर्ट आना चाहिए. सवाल ये भी है कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले विपक्ष पर इन हमलों का मतलब क्या है. सरकार विपक्षी नेताओं के फोन में क्या तलाश रही है.

Html code here! Replace this with any non empty raw html code and that's it.

Latest news

Related news