Delhi Humayun Tomb Accident : दोपहर के समय, निजामुद्दीन में हुमायूं के मकबरे के पास स्थित दरगाह शरीफ पट्टे शाह पर हमेशा की तरह नमाजियों और दुआ के तलबगारों का जमावड़ा लगा था, कुछ दुआएं मांग रहे थे तो कुछ लोग शांति की कामना कर रहे थे. उनमें एक सेवानिवृत्त स्कूल शिक्षिका भी थीं जो अपने घायल बेटे के लिए दुआ मांगने आई थीं. एक युवा दर्जी अपने दोस्त के साथ शाम बिताने से पहले इमाम से मिलने की उम्मीद में आया था.
Delhi HumayunTomb Accident:चीख बदली हंसी ठिठोली
बारिश की वजह से राहत कार्य में आई परेशानी
दोस्त की मौत का मंजर याद कर सिहर उठा नदीम
पूरी तरह टूट गई मोइनुद्दीन की पत्नी अफसाना
नदीम ने भारी मन से कहा, “हम बचपन से साथ थे. आज भी फिल्म देखने की योजना थी. अब उसकी यादें ही रह गई हैं.” मोइनुद्दीन की 28 साल की पत्नी अफसाना ने बताया “मैं भी उनके साथ जा रही थी, लेकिन बारिश के कारण उन्होंने मुझे बच्चों के साथ रहने को कहा. मुझे समझ नहीं आ रहा कि उनके बिना क्या करूं. मेरे बच्चे बार-बार उन्हें बुला रहे हैं. मेरा पांच साल का बेटा एक सरकारी स्कूल में पढ़ता है. इसके अलावा तीन साल की बेटी भी है. हमारा परिवार पूरी तरह मोइनुद्दीन पर निर्भर था.”
नदीम ने सुनाई खौफनाक आंखों देखी
नदीम ने बताया, “हम दोनों दोस्त कम से कम 15 मिनट तक दरगाह के बाहर इंतजार करते रहे. इसके बाद परिसर की सफाई का काम समाप्त होते ही प्रवेश द्वार पर एकत्र लोगों का एक छोटा समूह दरगाह के अंदर प्रवेश कर गया. इसमें मेरा दोस्त मोइनुद्दीन भी था. मैं पीछे थोड़ी दूरी पर था, लेकिन जैसे ही मोइनुद्दीन एक कमरे के अंदर पहुंचा, उसकी दीवार ढह गई. यह देख मेरे तो होश उड़ गए. मैंने जोर से अपने दोस्त को पुकारा, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. इसपर मैंने ज़ाकिर नगर से अपने कुछ दोस्तों को मदद के लिए बुलाया. हमने मलबे में उसे खोजना शुरू किया, लेकिन जब हमें मोइनुद्दीन मिला तो एहसास हुआ कि हम उसके शरीर के ऊपर से कई बार गुजरे थे.”