Waqf Bill Supreme Court : वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई की अध्यक्षता वाली 2 सदस्यीय पीठ इस तथ्य पर गौर करेगी कि इस कानून को लेकर अंतिम निर्णय ने तक इसके क्रियान्वयन पर रोक लगाई जाय या नहीं. चीफ जस्टीस बीएस गवई के साथ इस मामले की सुनवाई जस्टिस ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह कर रहे हैं. दोने पक्षों के वकील अपना अपना पक्ष रख रहे हैं.
Waqf Bill Supreme Court : वक्फ याचिकाकर्ताओं के लिए मैदान में हैं 5 वकील
मुस्लिम पक्ष से देश के पांच बड़े वकील इसम मामले में पैरवी कर रहे हैं – कपिल सिब्बल, राजीव धवन, अभिषेक मनु सिंघवी, सलमान खुर्शीद और हुजैफा अहमदी. मामले के मोडल वकील एजाज मकबूल बने हैं, वहीं संशोधित वक्फ कानून की पैरवी के लिए मनिंदर सिंह, राकेश द्विवेदी, रंजीत कुमार, रविंद्र श्रीवास्तव और गोपाल शंकर नारायण वकील हैं. बिल के समर्थन में नोडल वकील विष्णु शंकर जैन बने हैं.
सुप्रीम कोर्ट में कौन सा पक्ष दे रहा है दलील
सुनवाई के दौरान सरकार के वकील तुषार मेहता ने कानून पर स्टे लगाने के लिए तीन मुद्दे उठाये और कहा कि अदालत इन तीन बिंदुओं पर विचार करे. जिसका वक्फ की खिलाफ याचिका दायर करने वाले पक्ष सरकार के वकील ने कपिल सिब्बल ने विरोध किया. सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि शुरुआत में केवल तीन बिंदु तय किए गए थे,हमने तीनों पर जवाब दिए हैं लेकिन अब पक्षकार इन तीन मुद्दों से भी अलग दूसरे मुद्दों का जिक्र कर रहे है. तुषार मेहता ने कोर्ट से अनुरोध किया कि कोर्ट केवल तीन हो मुद्दों पर ही फोकस रखे.
वक्फ बिल के विरोध में कपिल सिब्बल की दलील
कपिल सिब्बल ने सालिसीटर जनरल के तीम मुद्दो का विरोध करते हु एकहा कि हम तो दूसरे मुद्दे पर रखेंगे. मंदिरों की तरह मस्जिदों में 2 हजार – 3 हजार करोड़ के चंदे नहीं आते हैं. वक्फ के पिछले अधिनियम में पंजीकरण जरूरी था, क्योंकि अगर पंजीकऱण नहीम कराया तो उसे वक्फ नहीं माना जाता. कई वक्फ तो 100 से 500 साल पहले बनाए गए थे.
सीजेआई ने पूछा सवाल
क्या पंजीकरण की आवश्यकता है? इसपर सिब्बल ने कहा कि ये था लेकिन पंजीकरण करान की बाध्यता नहीं थी. इसपर CJI ने कहा कि आपको A, B, C, D से शुरू करना होगा, क्या पंजीकरण अनिवार्य था या नहीं ?
CJI ने कहा – 2013 के वक्फ में वक्फ के रजिस्ट्रेशन की प्रावधान था अगर इसका पालन नहीं किया गया हो तो मुतवली को हटाने के अलावा कोई बात नहीं कही गई है.
कपिल सिब्बल – सीजेआई के सवाल पर कपिल सिब्बल ने कहा कि 2013 के नियम के मुताबिक अगर वकफ दा पंजीकऱण नहीं है तब भी इसका चरित्र नहीं बदलेगा. लेकिन 2025 संशोधन अधिनियम के पूरे चरित्र को ही बदल देता है.
CJI :सिब्बल क इस दलील पर सीजेआई ने कहा कि हम इसे रिकॉर्ड पर ले रहे हैं कि 2013 में वक्फ बाय यूजर के लिए पंजीकरण जरुरी नहीं था?
क्या यह स्वीकार्य था?
कपिल सिब्बल – हां, वक्फ बाय यूजर के लिए ये यह स्थापित नियम है. वक्फ बाय यूजर को रजिस्टर करने की जरुरत नहीं है.