Red Fort Blast: लाल किला धमाके का दोषी डॉ. उमर उन नबी का एक कथित वीडियो ऑनलाइन सुर्खियाँ बटोर रहा है. इस वीडियो में वह सुसाइड बॉम्बिंग के बारे में जिसे विस्तार से बात करते दिख रहे हैं. वह सुसाइड बॉम्बिंग को एक “गलत समझा गया” विचार बता रहा है. आपको बता दें, डॉ. उमर लाल किले के पास हुए धमाके में 10 से ज़्यादा लोगों की जान लेने वाली कार चला रहा था.
उमर सुसाइड बॉम्बिंग को बता रहा शहादत ऑपरेशन
माना जा रहा है कि यह वीडियो 10 नवंबर से पहले रिकॉर्ड किया गया था. इसमें नबी एक कमरे में अकेले बैठे सुसाइड बॉम्बिंग के आइडिया पर बात कर रहा हैं. उन्हें यह कहते हुए सुना जा सकता है कि ऐसे हमलों के लिए आमतौर पर इस्तेमाल होने वाला शब्द अक्सर गलत समझा जाता है, और उन्होंने यह भी कहा कि इस पर कई विरोधाभास और आपत्तियां सामने आई हैं.
क्लिप में, उमर को यह कहते हुए सुना जा सकता है, “एक बहुत ही गलत समझा गया कॉन्सेप्ट वह है जिसे सुसाइड बॉम्बिंग का कॉन्सेप्ट कहा गया है. यह एक शहादत ऑपरेशन है. इसके खिलाफ कई तर्क और विरोधाभास पेश किए गए हैं. शहादत ऑपरेशन तब होता है जब कोई व्यक्ति यह मान लेता है कि वह किसी खास जगह पर, किसी खास समय पर ज़रूर मरने वाला है, तो वह इस सोच के खिलाफ जाता है कि वह खास व्यक्ति मरने वाला है. वह एक खास स्थिति में मरने वाला है.”
#WATCH | A purported video of Dr Umar Un Nabi, the prime suspect in the #RedFort blast that killed 13 people, has surfaced online, showing him speaking at length about what he calls a “misunderstood” concept of suicide bombings.
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— Hindustan Times (@htTweets) November 18, 2025
यह वीडियो नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) के दिल्ली हमले में एक और कथित “को-कॉन्स्पिरेटर” को गिरफ्तार करने के एक दिन बाद आया है. आरोपी, जसीर बिलाल वानी का कथित तौर पर उमर ने “ब्रेनवॉश” किया था और वह एक साल से ज़्यादा समय से उसके साथ पूरे भारत में कोऑर्डिनेटेड सुसाइड मिशन के प्लान पर काम कर रहा था,
Red Fort Blast: NIA ने उमर को बताया ‘सुसाइड बॉम्बर’
नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने रविवार को पहली बार नबी को “सुसाइड बॉम्बर” कहा, साथ ही एक और मुख्य साज़िशकर्ता, एक कश्मीरी प्लंबर की गिरफ्तारी की घोषणा की, धमाके में इस्तेमाल हुई हुंडई i20 इसी प्लंबर के नाम पर थी. यह पहली बार था जब एजेंसी ने गाड़ी को “व्हीकल-बोर्न IED” बताया.
जांचकर्ताओं के अनुसार, धीमी गति से चलने वाली i20, जिसके मालिक कई बार बदले गए थे और जिसमें CNG टैंक लगाया गया था, 10 नवंबर को शाम 6.52 बजे एक ट्रैफिक सिग्नल पर आग की लपटों में घिर गई.
विस्फोट के एक दिन बाद जांच संभालने वाली NIA ने कहा कि फोरेंसिक एनालिसिस से यह कन्फर्म हुआ कि जब कार में धमाका हुआ तो नबी गाड़ी चला रहा था.
इस बीच, दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने मॉड्यूल की बड़ी साज़िश की जांच के लिए एक अलग केस दर्ज किया है, जिसमें यह भी शामिल है कि क्या 2019 के पुलवामा बम धमाके की तरह सुसाइड हमला करने के लिए विस्फोटक मंगाए गए थे और गाड़ियां खरीदी गई थीं.
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