लखनऊ : आप सब ने अपनी नानी दादी से सुना होगा कि खेलोगे कूदोगे तो होगे खराब पढोगे लिखोगे तो बनोगे नवाब.अब बच्चों को इसी दिशा में सही पाठ्यक्रम दिया जाएगा. दरअसल उत्तर प्रदेश बोर्ड ने अपने सिलेबस Syllabus में अहम बदलाव किया है. बोर्ड ने फैसला किया है कि अब से छात्रों को Syllabus में सावरकर समेत 50 महापुरुषों की जीवन गाथा से रूबरू कराया जाएगा. जिसे पढ़कर और जानकर बच्चों का भविष्य उज्ज्वल होगा. इसके साथ ही बच्चे उन महापुरुषों की राह पर चलने की कोशिश भी करेंगे.
Syllabus में क्या हुआ बदलाव
बोर्ड की तरफ से जिन महापुरुषों की जीवन गाथा को पाठ्यक्रम Syllabus में शामिल करने का फैसला किया गया है उनमें खास तौर पर विनायक दामोदर सावरकर, पंडित दीनदयान उपाध्याय, महावीर जैन, भारत रत्न पंडित मदन मोहन मालवीय, अरविंद घोष, राजा राम मोहन राय, सरोजनी नायडू और नाना साहब शामिल हैं.ये वो महान लोग के जिनका देश सेवा में किसी ना किसी तरह विशेष योगदान है। छात्रों को इनके बारे में जागरूक किया जाएगा .यह विषय Syllabus सभी यूपी बोर्ड के विद्यालयों के लिए अनिवार्य किया गया
गुलाब देवी ने कहा हमारी जिम्मेदारी है
माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी ने बताया की छात्र छात्राओं को भारत के महान अनुभवों के बारे में जागरूक करना और उनके संघर्ष को बताना हम सबकी जिम्मेदारी है जिसके लिए पाठ्यक्रम में सब्जेक्ट को जोड़ा जा रहा है और हर एक को यह पढ़ाया जाएगा.हालांकि अंकपत्र में इस सब्जेक्ट नंबर नहीं जोड़े जाएंगे. पाठ्यक्रमों में इस तरह के बदलाव पूरे देश में हो रहे हैं. जहां जहां बीजेपी की सरकार है वहां सिलेबस में इसी तरह के चैप्टर जोड़े जा रहे हैं. कर्नाटक में जब बीजेपी की सरकार थी तब इसी तरह के बदलाव किए गए थे जिसे कांग्रेस की अभी की सरकार ने सिलेबस से हटा दिया है. इसी तरह हाल ही मे एनसीईआरटी के लिए किताब लिखने वाले लेखकों और विद्वानों ने बदलाव को देखते हुए अपना नाम वापस लेने का अनुरोध किया है.