Trump’s double standards : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ टेरर के बीच रुसी राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन ने बड़ा बयान दिया है. राष्ट्रपति पुतिन ने ट्रंप के डबल स्टैंडर्ड रवैये का खुलासा करते हुए कहा है कि अमेरिका रुस से यूरेनियम खरीदता है, जिसक कारण उनके देश को बड़ा मुनाफा हो रहा है . पुतिन ने कहा कि पिछले साल यानी 2024 में रूस ने अमेरिका को 800 मिलियन डॉलर का यूरेनियम बेचा था, वहीं 2025 में ये आंकड़ा 1 अरब 20 करोड़ डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है.
Trump’s double standards:दूसरा सबसे बड़ा सप्लायर है रुस
‘वल्दाई डिस्कशन क्लब’ (Valdai Discussion Club) के प्लेनरी सेशन में रुसी राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि अमेरिका को यूरेनियम सप्लाई करने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश रूस है. इस साल यानी 2025 में भी उनके देश को केवल अमेरिका से लगभग 1.2 अरब डॉलर कमाई की उम्मीद है. आपको बता दें कि अमेरिका में इस्तेमाल होने वाले न्यूक्लियर फ्यूल का लगभग 60 प्रतिशत हिस्सा एक अमेरिकी-यूरोपीय कंपनी से आता है वहीं 25 प्रतिशत हिस्सा रूस सप्लाई करता है.
2025 में एक अरब डॉलर से अधिक होगी कमाई – पुतिन
रुसी राष्ट्रपति के बयान के मुताबिक 2024 में रूस ने अमेरिका को यूरेनियम बेचकर लगभग 800 मिलियन डॉलर कमाए थे. राष्ट्रपति पुतिन ने बताया कि इस साल(2025) के पहले छमाही में ही ये आंकड़ा 800 मिलियन डॉलर पार कर गया है और साल के अंत तक ये कमाई लगभग 1 अरब 20 करोड़ डॉलर रहने की उम्मीद है.
पुतिन का यह बयान ऐसे समय में आया है जब ट्रंप की टैरिफ नीति के चलते कई देशों के साथ अमेरिका के व्यापारिक संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं लेकिन अमेरिका दूसरे देशों पर टैरिफ लगाकर खुद रूस से यूरेनियम खरीद रहा है. अब पुतिन ने अमेरिका के इसी डबल स्टैंडर्ड पर तंज कसा है.
अमेरिका का “दोहरा रवैया”
आपको बता दें कि अमेरिका ने भारत पर रुस के साथ व्यापार करने के कारण पहले 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया और बाद में उसे बढ़ा कर 50 प्रतिशत कर दिया. भारत के खिलाफ टैरिफ लगाने के पीछे अमेरिका ने तर्क दिया कि भारत रुस के साथ व्यापार करके रुस को यूक्रेन के साथ युद्ध करने के लिए हथियार मुहैय्या कराने में मदद कर रहा है, लेकिन सच्चाई ये है कि इस समय चीन के बाद अमेरिका दुनिया का ऐसा दूसरा देश है जो सबसे अधिक खरीददारी रुस के साथ कर रहा है. यूक्रेन के साथ रुस का युद्ध रोकने का श्रेय लेने की उम्मीद में ट्रंप बार बार यूरोपीय देशों से अपील कर रहे हैं कि कोई रुस के साथ व्यापार ना करे, लेकिन विडंबना ये है कि अमेरिका खुद करोड़ों डॉलर का यूरेनियम, केमिकल्स और फर्टिलाइजर्स रुस से खरीद रहा है.
रूस से क्या-क्या खरीदते हैं पश्चिमी देश?
अमेरिकी टैरिफ लगने के बाद भारत ने अगस्त के महीने में ही अमेरिका के ‘दोहरे रवैये’ और यूरोपीय संघ के रुस के साथ व्यापार पर रिपोर्ट साझा की थी, जिसमें कहा गया था कि पिछले साल ही यूरोपीय संघ (EU) ने रूस के साथ 68 अरब डॉलर का व्यापार किया था. यहां तक कि रुस के खिलाफ झंडा उठाने वाला अमेरिका खुद अपनी न्यूक्लियर इंडस्ट्री के लिए रूस से यूरेनियम हेक्साफ्लोराइड और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए पैलेडियम खऱीद रहा था.
भारत ने दुनिया को ये बताया कि जिस समय अमेरिका भारत पर रुस के साथ व्यापार ना करने का दवाब बना रहा है, उसी समय खुद अमेरिका पश्चिमी देशों (EU) के साथ मिलकर रुस के साथ व्यापार कर रहा है. आपको बता दें कि बीते कुछ महीनो में लगातार अमेरिकी और उनके साथी कुछ देशों ने भारत पर रुस के साथ व्यापार करने पर आरोप लगाते रहे हैं कि नई दिल्ली रूस-यूक्रेन युद्ध से मुनाफा कमा रहा है.अब भारत ने इन देशों को आइना दिखाकर करारा जवाब दिया है.