पटना बिहार में ट्रांसफर पोस्टिंग Transfer Posting में किस तरह की अराजकता होती है, ये बिहार सरकार के कर्मियों से बेहतर कोई नहीं जानता है लेकिन ये पहला मौका है जब सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने खुद अराजकता को स्वीकारा है और अपने ही सहयोगी पार्टी आरजेडी के एक मंत्री आलोक मेहता (Alok Mehta) पर ट्रांसफर पोस्टिंग Transfer Posting को लेकर सख्त टिप्पणी की है.
भूमि राजस्व विभाग में Transfer Posting में गड़बड़ी
सीएम नीतीश कुमार ने एक कार्यक्रम के दौरान आरजेडी कोटे से बने मंत्री आलोक मेहता के बारे में कहा कि हमें भूमि एवं राजस्व विभाग में हुए ट्रांसफर को लेकर अनियमितता की कई शिकायतें मिली थी. तकरीबन हर पार्टी के लोगों ने इन तबादलों को लेकर शिकायत की थी. खास बात ये है कि जिस समय सीएम नीतीश कुमार आलोक मेहता के बारे में ये बातें कर रहे डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव उनके साथ ही थे. आलोक मेहता को तेजस्वी यादव का करीबी माना जाता है. तेजस्वी यादव के सामने ही सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि ट्रांसफर पोस्टिंग में बहुत गड़बड़ी थी इसलिए तबादलों को रद्द करने के लिए कहा गया.
Transfer Posting में नियमों की अनदेखी हुई – सीएम नीतीश
सीएम नीतीश कुमार ने ट्रांसफर रद्द करने के आदेश के बारे में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि सरकार ने हर विभाग को जून के महीने में ट्रांसफर पोस्टिंग करने की अनुमति दे रखी है, लेकिन इसके लिए तय नियम हैं. सामान्य परिस्थिति में एक अफसर को तीन साल बाद दूसरे स्थान पर स्थांतरित करने का नियम है लेकिन भूमि एवं राजस्व विभाग में हुए तबादले को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही थी कि ट्रांसफर पोस्टिंग में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है. लोगों की शिकायत के बाद जांच करायी गई और जांच में गड़बड़ी की बात सही पाई गई, इसलिए हमने सभी तबादलों को रद्द करने के आदेश दिये .नीतीश कुमार ने कहा कि अब नये सिरे से ट्रांसफर के लिए लिस्ट तैयार की जायेगी. जिस समय सीएम आलोक मोहता के बारे में बात कर रहे थे, उस समय उस समय डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव सीएम के साथ ही थे, और उनके चेहरे का हावभाव देखने लायक था.
क्या है ट्रांसफर (Transfer Posting)का मामला
दरअसल 30 जून को भूमि एवं राजस्व विभाग में रातों रात 517 पदाधिकारियों का तबादला कर दिया गया था. 30 पदाधिकारियों को उनके मूल कैडर में भेज दिया गया और 487 अफसरों को बिहार के अलग अलग अंचलों में भेजा गया, इनमें सबसे ज्यादा 395 अंचलाधिकारी यानी सीओ की ट्रांसफर पोस्टिंग की गई थी. बिहार में भूमि एवं राजस्व विभाग के मंत्री आलोक मेहता हैं.जिन्हें डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का करीबी माना जाता है. जाहिर है बिना मंत्री की इजाजत के इतनी बड़ी ट्रांसफर पोस्टिंग नही की गई होगी. इसे देखते हुए विपक्ष ही नहीं नीतीश कुमार के सहयोगियों ने भी आपत्ति दर्ज कराई थी, जिसके बाद सीएम नीतीश कुमार ने सख्त रुख अपनाते हुए 30 जून को नोटिफिकेशन जारी करके सभी तबादलों को तत्काल रद्द कर दिया था.
नीतीश कुमार के इस कदम को राजनीतिक रणनीतिकार उनकी छवि सुधारने की कवायद के रुप में देख रहे हैं ,वहीं डिप्टी सीएम के लिए ये शर्मिदगी का सबब है.