Tuesday, July 22, 2025

Ram Mandir : 5 वर्ष के बालक की तरह हो रही है श्रीराम की सेवा, जानिये कैसे बीतता है राजकुमार बालक का पूरा दिन

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अयोध्या:राम मंदिर Ram Mandir में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद उनकी पूजा का विधान ऐसे तय किया गया है जैसे राजा दशरथ के महल में अयोध्या के राजकुमार की 5 वर्ष की अवस्था में सेवा हुई.एक राजकुमार बालक की तरह उन्हें जगाया जाता है. उनकी पसंद का भोजन कराया जाता है.आराम कराया जाता है. वह राजकुमार की ही तरह जनता को दर्शन देते हैं. दान करते हैं और संगीत सुनते हैं और रोज चारों वेदों का पाठ भी सुनते हैं.

Ram Mandir में रामलला को मां कौशल्या जैसे उठाया जाता है

आचार्य मिथिलेश नंदनी शरण ने बताया बालक राम के पूजन का शेड्यूल.सुबह 4:00 बजे से रात 10:00 बजे तक की दिनचर्या तय है. रामलला को सुबह 4:00 बजे वैसे ही जगाया जाता है जैसे माता कौशल्या जागाती थी.रामलला गुरुओं की आज्ञा लेकर ही गर्भ गृह में प्रवेश करते हैं.उसके बालक राम का बिस्तर ठीक किया जाता है .उन्हें मंजन कराया जाता है. पास जय जयकार करते हैं पलक को मुकुट या पगड़ी पहनाई जाती है क्योंकि वह राजकुमार है.खुले सिर किसी के सामने नहीं जाते.उसके बाद अखंड फल का भोग लगता है इसमें रामलला की रुचि के अनुसार फल,रबड़ी,मालपुआ,मक्खन,मिश्री,मलाई आदि होती है. भगवान को मालपुआ बहुत पसंद है.फिर पूजन मंगला आरती होती है.जिसमें रामलीला को सफेद गाय और बछड़ों का दर्शन कराया जाता है,फिर गज दर्शन कराया जाता है.ट्रस्ट ने इसके लिए स्वर्ण गज की व्यवस्था की है,फिर पट बंद हो जाते हैं .

उत्सव के अनुसार वस्त्र पहनाए जाते हैं

भगवान को राजकीय पद्धति से स्नान कराया जाता है उन्हें दिन और उत्सव के अनुसार वस्त्र पहनाए जाते हैं. हर दिन के लिए अलग-अलग रंग के वस्त्र तय है.उत्सवों के अवसर पर उन्हें पीले रंग के वस्त्र पहनाये जाते हैं.बालभोग और श्रृंगार आरती के बाद प्रभु दर्शन देते हैं. यह पूरी प्रक्रिया सुबह लगभग 6:30 बजे तक संपन्न होती है.दर्शन के बाद करीब 9:30 बजे कुछ देर के लिए पट बंद होते हैं. 5 वर्ष की अवस्था में राजकुमार लगातार दर्शन नहीं दे सकते इसलिए उन्हें सहज किया जाता है.भोग लगाया जाता है. कपड़े ठीक किए जाते हैं फिर 11:30 बजे तक दर्शन का चलता है .राजभोग 11:30 बजे राजभोग लगता है और 12:30 बजे मध्यान विश्राम शुरू हो जाता है.दोपहर 2:30 बजे के बाद उन्हें फिर से जगाया जाता है फिर से भोग लगाया जाता है .

भगवान को रोज चारों वेद सुनाए जाते हैं

शाम 6:30 बजे संध्या आरती होती है. इस बीच में भी एक बार ब्रेक लिया जाता है.रात करीब 8 से 8:30 बजे शयन आरती होती है.शयन आरती से पहले भोग लगाया जाता है. प्रभु को संगीत सुनाया जाता है. भगवान को रोज चारों वेद सुनाए जाते हैं.भगवान राम के बारे में कहा जाता है कि वेद उनके स्वास है.प्रभु के शयन के अनुरूप वस्त्र पहनाए जाते हैं. बिस्तर बिछाया जाता है.ठंड के मौसम में हीटर और गर्मी में AC लगाया जाएगा. करीब आधा घंटा फिर दर्शन देते हैं इसके बाद भगवान को शयन कराया जाता है.द्वारपाल से भगवान को रात में कुछ जरूरत हो तो उनका ध्यान रखेंने को कहा जाता है. भगवान के पास पीने के लिए पानी रखा जाता है ताकि उन्हें रात में प्यास लगे तो वह पानी भी पी सके.अयोध्या में रामलला के मंदिर में विराजित बालक राम के मस्तक पर इसी रामनवमी को दोपहर 12:00 बजे सूर्य स्वयं तिलक करेंगे .

 

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