Monday, November 17, 2025

‘कोई भी गड़बड़ मिली तो पूरी प्रक्रिया रद्द कर देंगे’, Bihar SIR पर सुप्रीम कोर्ट की EC को बड़ी चेतावनी

- Advertisement -

सोमवार को उच्चतम न्यायालय ने कहा कि यदि बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (Bihar SIR) अभ्यास के दौरान भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) द्वारा अपनाई गई कार्यप्रणाली में कोई अवैधता पाई जाती है, तो पूरी प्रक्रिया को रद्द किया जा सकता है.

Bihar SIR का फैसला पूरे देश में SIR पर होगा लागू-सुप्रीम कोर्ट

पीठ ने स्पष्ट किया कि वह बिहार एसआईआर पर टुकड़ों में राय नहीं दे सकती, तथा कहा कि उसका अंतिम फैसला केवल बिहार में ही नहीं, बल्कि पूरे भारत में आयोजित एसआईआर अभ्यासों पर लागू होगा.
मामले की सुनवाई करते हुए न्यायालय ने यह भी कहा कि वह यह मानता है कि एक संवैधानिक प्राधिकारी के रूप में भारत का निर्वाचन आयोग एसआईआर प्रक्रिया को पूरा करने में कानून और अनिवार्य नियमों का पालन कर रहा है.
सर्वोच्च न्यायालय ने बिहार में एसआईआर प्रक्रिया की वैधता पर अंतिम बहस की सुनवाई के लिए 7 अक्टूबर की तारीख तय की है.

आधार को बारहवें वैध दस्तावेज़ के रूप में स्वीकार करने का दिया था फैसला

सर्वोच्च न्यायालय ने पिछले सोमवार (8 सितंबर) को आदेश दिया कि बिहार की मतदाता सूची में शामिल करने के लिए आधार को बारहवें वैध दस्तावेज़ के रूप में स्वीकार किया जाना चाहिए. यह आदेश उन शिकायतों के बाद दिया गया है जिनमें कहा गया था कि चुनाव अधिकारी पहले के निर्देशों के बावजूद इसे मान्यता देने से इनकार कर रहे हैं.
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) की आधार को अपनी स्वीकृत पहचान प्रमाण सूची में औपचारिक रूप से शामिल करने पर आपत्तियों को खारिज कर दिया और इस बात पर ज़ोर दिया कि यह दस्तावेज़ नागरिकता स्थापित नहीं कर सकता, लेकिन यह पहचान और निवास का एक वैध संकेतक बना हुआ है.

विपक्ष और समाजिक संगठनों की याचिका पर सुनवाई कर रहा है सुप्रीम कोर्ट

चुनाव आयोग के एसआईआर अभियान पर सुनवाई विपक्षी दलों द्वारा कथित तौर पर उचित सत्यापन के बिना वास्तविक मतदाताओं के नाम हटाए जाने के बारे में उठाई गई चिंताओं के बाद हो रही है.
विपक्ष का आरोप है कि एसआईआर प्रक्रिया एक अनुचित सफाई प्रक्रिया है क्योंकि मतदाता सूची में नाम जोड़ने के लिए आवश्यक 11 दस्तावेजों में आधार शामिल नहीं है, जो अन्य दस्तावेजों की तुलना में एक सामान्य दस्तावेज है.
चुनाव आयोग ने 18 अगस्त को एसआईआर प्रक्रिया के तहत प्रकाशित मसौदा मतदाता सूची से हटाए गए 65 लाख लोगों के नाम जारी किए.

ये भी पढ़ें-Bhagalpur Adani Power plant को लेकर कांग्रेस ने साधा पीएम पर निशाना, कहा-चुनावी हार से पहले दोस्त गौतम अडानी को दी सौगात

Html code here! Replace this with any non empty raw html code and that's it.

Latest news

Related news