Thursday, April 24, 2025

“क्या कोई किसी का घर केवल इस लिए गिरा सकता है क्योंकि वो आरोपी है?”- बुल्डोज़र एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट सख्त

Supreme Court :  देश के अलग अलग राज्यों में हो रहे बुल्डोजर एक्शन के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. कोर्ट ने सोमवार को एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि ‘क्या कोई किसी का भी घर सिर्फ इसलिए तबाह कर सकता है, क्योंकि वह आरोपी है?’

Supreme Court – तय कानून के बिना किसी का घर नहीं किया जा सकता है तबाह

सुप्रीम कोर्ट ने देश के अलग अलग राज्यों में आरोपियो के घरों पर की जा रही बुल्डोजर कार्रवाई पर कथ्त नाराजगी जाहिर की है. कोर्ट ने कहा कि अगर कोई किसी मामले में दोषी पाया जाता है, तब भी उसपर कानून के आधार पर ही कार्रवाई होगी, बिना तय कानून के किसी के घर तबाह नहीं किया जा सकता है.

दोषी हो तब भी घर नहीं गिराया जा सकतासुप्रीम कोर्ट

मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि –  “सिर्फ इसलिए किसी का घर कैसे गिराया जा सकता है कि वो आरोपी है? अगर वह दोषी हो तब भी घर नहीं गिराया जा सकता है. जस्टिस गवई ने अपनी टिप्पणी में कहा कि सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन को बताने के बाद भी हमें रवैये में कोई बदलाव दिखाई नहीं दे रहा है.मामले की सुनवाई कर रहे दूसरे जज जस्टिस केवी विश्वनाथन ने कहा कि “किसी की भी कमियों का फायदा नहीं उठाना चाहिए. किसी पिता का बेटा अड़ियल या उसकी बात न मानने वाला हो सकता है, लेकिन अगर ऐसे ही किसी आधार पर किसी का घर गिरा दिया जाता है तो ये तरीका ठीक नहीं है.’

केंद्र सरकार का तर्क- कानून तोड़ने पर ही होती है कार्रवाई

जमीयत की याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार के वकील सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सरकार के पक्ष में ये दलील दी कि कानून का उल्लंघन होने पर ही घरों को गिराने की कार्रवाई होती है. सालिसीटर जनरल के जवाब के बाद पीठ ने कहा कि जो शिकायतें यहां आई हैं उन्हे देखते हुए हमें लगता है कि कानून का उल्लंघन हुआ है.

सुनवाई के दौरान जस्टिस विश्वनाथन ने पूरे देश में अनधिकृत इमारतों को गिराने के लिए एक दिशानिर्देश की जरुरत पर बाल दिया. इस पर जस्टिस गवई ने कहा कि सुझाव आने दीजिए,  हम आल इंडिया लेवल पर दिशानिर्देश जारी करेंगे.

सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्पणी का है बड़ा प्रभाव 

सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्पणी के बड़े मायने हैं. उत्तर प्रदेश से शुरु हुई बुल्डोज़र कार्रवाई का सिलसिला अब मध्यप्रदेश और दूसरे राज्यों में भी देखा जा रहा है. उत्तर प्रदेश का बुल्डोजर एक मॉडल पर बनकर घुमने लगा है.  केवल आरोप लगा होने पर भर से सरकारी आदेश के साथ अफसरान ये कार्रवाई कर रहे हैं. जबकि कानून में ये साफ है कि किसी एक के किये कि सजा दूसरे को नही दिया जा सकता .  ऐसे में किसी का घर गिरा दिया जाना अपने आप में जबर्दस्ती की कार्रवाई है. एक कथित अपराधी के साथ साथ उसके पूरे परिवार को बिना न्यायिक प्रक्रिया के सजा सहना पड़ता है जो अपने आप में कानून का उल्लंघन है .

 

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