Supreme Court on Mineral Tax : सुप्रीम कोर्ट ने देश भर में होने वाले खनन पर सरकार द्वारा लगने वाली रॉयल्टी को लेकर गुरुवार को और बड़ा फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि खनिज वाली जमीन पर राज्यों को टैक्स लगाने का अधिकार है. कोर्ट ने कहा है कि इन खनिजों पर ली जाने वाली रॉयल्टी टैक्स नहीं है. मुख्य न्यायधीश न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में नौ-जजों की पीठ ने ने 8-1 से अपने ही पुराने फैसलों को रद्द कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इन राज्यों को बड़ी राहत मिली है. अदालत ने अपने फासले में ये भी कहा है कि आदेश के बाद भी संसद के पास खदानों से निकाले मिनिरल्स पर टैक्स लगाने, प्रतिबंध लगाने और रोक लगाने तक का अधिकार होगा. हलांकि मुख्य न्यायधीश के अध्यक्षता वाली बेंच में एक मात्र जस्टिस बी वी नागरत्ना ने 8 जजों के फैसले में अपनी सहमति नहीं दी, उन्होने बहुमत के फैसले से असहमति जताई.
Supreme Court on Mineral Tax : राज्यों को मिला खनिज वाले क्षेत्र में टैक्स लगाने का अधिकार
सुप्रीम कोर्ट ने आज अपने फैसले में देश के राज्यों को खनिज वाली जमीनों पर टैक्स/कर लगाने का अधिकार दिया है. इस फैसले में सुप्रीम कोर्ट मुख्यन्यायधीश समेत 9 जजों की बेंच में 8 जजों ने फैसले के साथ सहमति जताई, वहीं जस्टिस बीवी नागरत्ना फैसले से सहमत नहीं हुई. आपक बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से ओडिशा, पश्चिम बंगाल, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान जैसे खनिज-समृद्ध राज्यों को मिलेगा.
केंद्र के साथ राज्यों के टकराव की संभावना बढ़ी
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले ही संसद में केंद्रीय बजट में भेदभाव का आरोप लगाते हुए तमिलनाडु, कर्नाटक, तेलंगाना, पंजाब और हिमाचल प्रदेश ने सीएम 27 जुलाई को होने वाली नीति आयोग की बैठक में शामिल होने से इंकार कर दिया है.विपक्ष इंडिया ब्लॉक ने सरकार के पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करने का फैसला किया है.
इस बीच पश्चिम बंगाल ममता सरकार बिना राज्य की सहमति के सीबीआई जांच के आदेश को लेकर सुप्रीम कोर्ट में है. ऐसे में ये माना जा रहा है कि संघ और राज्यों के बीच टकराव बढ़ सकता है.

