Bihar polls: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को घोषणा की कि स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले छात्रों को उनकी उच्च शिक्षा के लिए ब्याज मुक्त ऋण प्रदान किया जाएगा.
इसके अलावा, उन्होंने पुनर्भुगतान को और अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए मासिक किस्तों में वृद्धि की भी घोषणा की है.
एक्स पर सीएम नीतीश कुमार ने लिखा पोस्ट
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर घोषणा की, “पहले ₹2 लाख तक के ऋण को 60 मासिक किश्तों (पाँच वर्ष) में चुकाने का प्रावधान था, जिसे अब बढ़ाकर 84 किश्तों (सात वर्ष) कर दिया गया है, जबकि ₹2 लाख से अधिक के ऋण अब 84 किश्तों (सात वर्ष) के बजाय 120 किश्तों (10 वर्ष) में चुकाए जा सकेंगे.”
बिहार में 07 निश्चय योजना के अंतर्गत 12वीं कक्षा उत्तीर्ण छात्र जो उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं उनके लिए 02 अक्टूबर 2016 से बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना लागू है। बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के अंतर्गत उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए अधिकतम 04 लाख रुपए का शिक्षा…
— Nitish Kumar (@NitishKumar) September 16, 2025
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने की योजना बना रही है कि अधिक से अधिक छात्र उच्च शिक्षा में अधिक रुचि के साथ आगे बढ़ें, ताकि सकल नामांकन अनुपात (ग्रॉस एनरोलमेंट रेशो ,जीईआर) को बढ़ावा दिया जा सके, जो अभी भी राष्ट्रीय औसत से काफी नीचे है.
2021-22 के सर्वेक्षण में बिहार में कुल जीईआर 17.1% दर्ज किया गया. जिसमें महिलाओं के लिए जीईआर 16.3% था, जो दूसरे राज्यों के मुकाबले भले खराब हो लेकिन लिंगवार वितरण में शीर्ष 10 राज्य की क्षेणी में बिहार को लाने के लिए एक महत्वपूर्ण उछाल है. पुरुषों का जीईआर 17.8% था. हालाँकि, बिहार अभी भी राष्ट्रीय औसत से काफी नीचे है. कुल मिलाकर 28.4%. नई शिक्षा नीति के तहत, 2035 तक राष्ट्रीय स्तर पर GER को 50% तक ले जाने का लक्ष्य है.
Bihar polls: क्या है स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना
2015 के विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार के सात चुनाव-पूर्व संकल्पों में से एक, स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना 2 अक्टूबर, 2016 को शुरू की गई थी, जिसके तहत राज्य या राज्य के बाहर मान्यता प्राप्त संस्थानों से सामान्य या व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए चुने गए छात्रों को ₹4 लाख तक का ऋण दिया जाता था.
लाभार्थियों को 4% साधारण ब्याज के साथ ऋण वापस करना था, जबकि महिलाओं, विकलांगों और ट्रांसजेंडरों के लिए यह केवल 1% था.
उन्होंने कहा, “यह योजना बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण करने वाले और उच्च शिक्षा प्राप्त करने की इच्छा रखने वाले सभी छात्रों के लिए सरकार के ‘सात निश्चयों’ के तहत शुरू की गई थी.”
इस वित्त वर्ष में स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के लिए बजट में ₹1,000 करोड़ दिए
चालू वित्त वर्ष के बजट में, सरकार ने क्रेडिट कार्ड योजना के लिए ₹1,000 करोड़ निर्धारित किए हैं. बैंकों की प्रक्रियागत देरी के कारण इस योजना की धीमी शुरुआत के बाद, 2018 में नीतीश सरकार द्वारा वित्त विभाग के अधीन बिहार राज्य शिक्षा वित्त निगम लिमिटेड का गठन करने के बाद इसमें तेज़ी आई ताकि ऋण वितरण आसान हो सके. उन्होंने यह भी घोषणा की कि अगर छात्रों को भविष्य में ऋण चुकाने में कठिनाई होती है, तो इसे माफ़ भी किया जा सकता है.
पाँच लाख छात्रों को हुआ फायदा
अनुमान है कि इस योजना से अब तक विभिन्न पाठ्यक्रमों के लिए पाँच लाख से ज़्यादा छात्रों को लाभ हुआ है, हालाँकि इसमें कुछ समस्याएँ भी आईं क्योंकि कई छात्र ऋण लेने के बाद लापता हो गए.
जुलाई में, बिहार सरकार ने बिहार युवा आयोग के गठन को भी मंज़ूरी दी थी और 2020-2025 तक 50 लाख युवाओं का लक्ष्य हासिल करने के बाद अगले पाँच वर्षों में राज्य में एक करोड़ युवाओं को सरकारी नौकरी और रोज़गार के अवसर प्रदान करने की एक महत्वाकांक्षी योजना की घोषणा की थी.

