Wednesday, July 2, 2025

SCO Summit: ‘एक देश आतंकवाद का कोई जिक्र नहीं चाहता था’, जयशंकर ने किया राजनाथ सिंह का समर्थन

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SCO Summit: शुक्रवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर करने से इनकार करने का समर्थन किया.
जयशंकर ने इस कदम के पीछे के तर्क को स्पष्ट करते हुए कहा, एससीओ का एक सदस्य देश संयुक्त बयान में आतंकवाद का कोई उल्लेख नहीं करना चाहता था, जबकि संगठन का गठन आतंकवाद से लड़ने के उद्देश्य से किया गया था.

SCO Summit को लेकर जयशंकर ने पाकिस्तान पर किया कटाक्ष

समाचार एजेंसी एएनआई ने जयशंकर के हवाले से कहा, “जब संगठन का मुख्य उद्देश्य आतंकवाद से लड़ना है और आप इसका संदर्भ नहीं दे रहे हैं, तो उन्होंने (राजनाथ सिंह) इसे स्वीकार करने में अनिच्छा व्यक्त की…” जयशंकर ने हालांकि उस देश का नाम नहीं बताया जो परिणाम वक्तव्य में आतंकवाद का संदर्भ नहीं चाहता था, लेकिन उन्होंने पाकिस्तान पर कटाक्ष करते हुए कहा, “आप अनुमान लगा सकते हैं कि कौन सा देश है.” भारत के अलावा, एससीओ के सदस्य देश कजाकिस्तान, चीन, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, ईरान और बेलारूस हैं. भारत 2017 में एससीओ का सदस्य बना और 2023 में इसकी अध्यक्षता संभाली.
जयशंकर ने कहा, “एससीओ सर्वसम्मति से चलता है. इसलिए राजनाथ जी ने स्पष्ट रूप से कहा कि अगर बयान में आतंकवाद का उल्लेख नहीं है, तो हम इस पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे.”

राजनाथ सिंह ने गुरुवार को SCO वक्तव्य पर हस्ताक्षर नहीं किए थे

चीन के क़िंगदाओ की यात्रा पर गए राजनाथ सिंह ने गुरुवार को संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया था. भारत का कहना था कि वक्तव्य में आतंकवाद से जुड़ी चिंताओं, खासकर 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले को संबोधित नहीं किया गया था, पहलगाम हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें से ज्यादातर पर्यटक थे.
इतना ही नहीं, संयुक्त वक्तव्य में पहलगाम हमले का जिक्र तो नहीं किया गया, लेकिन इसमें 11 मार्च को बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी द्वारा पाकिस्तान में जाफर एक्सप्रेस अपहरण का जिक्र किया गया. राजनाथ सिंह के इस कदम के कारण एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक में संयुक्त विज्ञप्ति जारी नहीं की जा सकी.
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, बलूचिस्तान की घटना को विज्ञप्ति में शामिल करने के लिए पाकिस्तान का दबाव भारत पर दोष मढ़ने का प्रयास था. चीन में राजनाथ सिंह ने आतंकवाद के “अपराधियों, आयोजकों, वित्तपोषकों और प्रायोजकों” को जवाबदेह ठहराने का आह्वान किया, साथ ही आतंकवादी समूहों का समर्थन करने के लिए पाकिस्तान पर निशाना साधा.
राजनाथ सिंह ने क़िंगदाओ में आयोजित सम्मेलन में कहा, “कुछ देश सीमा पार आतंकवाद को नीति के साधन के रूप में इस्तेमाल करते हैं और आतंकवादियों को पनाह देते हैं. ऐसे दोहरे मानदंडों के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए. एससीओ को ऐसे देशों की आलोचना करने में संकोच नहीं करना चाहिए.”
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ और चीनी रक्षा मंत्री डोंग जून भी मौजूद थे.

राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर की प्रशंसा की

राजनाथ सिंह ने पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी शिविरों को निशाना बनाकर शुरू किए गए भारत के सैन्य अभियान ऑपरेशन सिंदूर की भी प्रशंसा की.
उन्होंने कहा, “पहलगाम हमले का पैटर्न भारत में लश्कर-ए-तैयबा के पिछले आतंकी हमलों से मेल खाता है. भारत की आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता उसकी कार्रवाइयों से प्रदर्शित होती है.”

पीटीआई ने गुरुवार को बताया कि एससीओ के मसौदा बयान में न केवल पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र किया गया, बल्कि भारत के सख्त आतंकवाद विरोधी रुख के बारे में भी बात नहीं की गई.

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