सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को पराली जलाने को लेकर पंजाब सरकार की खिंचाई की. कोर्ट ने कहा कि हर समय राजनीतिक लड़ाई नहीं चल सकती.
कोर्ट ने पंजाब और केंद्र सरकार दोनों को आड़े हाथ लिया
“हम चाहते हैं कि यह (पराली जलाना) बंद हो. हम नहीं जानते कि आप यह कैसे करते हैं, यह आपका काम है. लेकिन इसे रोका जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार से कहा, तुरंत कुछ करना होगा.
अदालत ने केंद्र पर भी जिम्मेदारी डालते हुए सुझाव दिया कि उसे पंजाब में धान के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का समर्थन करना बंद कर देना चाहिए और किसानों को वैकल्पिक फसलों की ओर स्थानांतरित करने के तरीके खोजने चाहिए.
“सरकार मोटे अनाजों का प्रचार कर रही है. इसे बढ़ावा क्यों नहीं दिया जाता?”
राजस्थान सरकार को भी दिए सख्त निर्देश
कोर्ट ने राजस्थान और अन्य राज्यों को त्योहारी सीजन के दौरान पटाखों से संबंधित मुद्दे पर अपने पहले के आदेश का पालन करने का भी निर्देश दिया. सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार को विशेष रूप से त्योहार के दौरान वायु प्रदूषण को कम करने के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया, साथ ही कहा कि प्रदूषण का प्रबंधन करना हर किसी का कर्तव्य है.
अदालत का आदेश उदयपुर में गिरते वायु गुणवत्ता सूचकांक के आधार पर उच्च प्रदूषण स्तर बढ़ाने और ध्वनि प्रदूषण के स्तर का सीमांकन करने के लिए कोई नियम नहीं होने के एक आवेदन पर सुनवाई करते हुए आया.
अदालत ने कहा, “जब प्रदूषण की बात आती है, तो यह गलत धारणा है कि यह अदालतों का कर्तव्य है. लेकिन यह हर किसी का कर्तव्य होना चाहिए. ”
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