सीएम नीतीश कुमार को भाषा की मर्यादा और प्रदेश के सम्मान का पाठ पढ़ाने वाली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने सीएम को बीमार बता, उनकी राज्य के लिए विशेष दर्जे की मांग पर जवाब देने की बजाय उसे टाल गए. नीतीश कुमार की राज्य के लिए विशेष दर्जे की मांग पर जब मीडिया ने सम्राट चौधरी से सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि पहले सीएम अपने स्वास्थ्य का ध्यान दें.
सम्राट चौधरी ने फिर बताया सीएम नीतीश कुमार को बीमार
गुरुवार को उद्योग विभाग की मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत जारी होने वाली पहली किस्त वितरण समारोह में राज्य के लिए विशेष दर्जे की मांग कर नीतीश कुमार ने बीजेपी के लिए नई परेशानी खड़ी कर दी है. सीएम ने कहा कि अगर केंद्र उनकी मांग को नहीं मानेगा को वो आंदोलन करेंगे. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष से जब मीडिया ने इसपर उनका जवाब मांगा तो सम्राट चौधरी विशेष दर्जे की बात को दरकिनार कर सीएम को पहले स्वास्थ्य होने की सलाह देने लगे. सम्राट चौधरी ने कहा कि “सीएम ने हाथ जोड़कर विशेष दर्जे की मांग की है, मैं उनके पैर पकड़ कर कहता हूं आप पहले स्वास्थ्य हो जाइये”
बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की सीएम की मांग पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि “सीएम ने हाथ जोड़कर विशेष दर्जे की मांग की है, मैं उनके पैर पकड़ कर कहता हूं आप पहले स्वास्थ्य हो जाइये”#Bihar #BiharNews #nitishkumar #NitishKumarStatement #specialstatus #BJP pic.twitter.com/QoRp1XhlQ2
— THEBHARATNOW (@thebharatnow) November 16, 2023
नीतीश कुमार के साथ चलाई अपनी सरकार पर भी उठाए सवाल
नीतीश कुमार ने जिन 18 साल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यकाल की बात कही वो भूल गए की उसमें 10 साल वो भी सरकार में थे. बीजेपी लगातार नीतीश कुमार की सेहत को लेकर उनपर हमलावर है. वो ये तक कह चुकी है कि नीतीश अब सरकार चलाने के लायक नहीं है.
मुख्यमंत्री ने क्या बिहार के लिए विशेष दर्जे की मांग करते हुए क्या कहा
तो आपको बता दें, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सीधे केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग की है. नीतीश कुमार ने कहा कि अगर “मोदी सरकार बिहार का उत्थान करना चाहती है तो उसे विशेष राज्य का दर्जा दे और अगर नहीं देती तो वो असल में सिर्फ अपना प्रचार करना चाहती है.”
इसके साथ ही नीतीश कुमार ने कहा कि अब हम ये कैंपेन चलाएंगे की बिहार राज्य को विशेष राज्य का दर्जा दो हर स्तर और हर फोरम पर ये मांग उठाई जाएगी और गांव-गांव और शहर-शहर तक इसका प्रचार होगा.