अलीगढ़ (aligarh): भारत जोड़ो यात्रा उत्तर प्रदेश में पहुंचने से पहले ही बयाने के बवाल में फंस गई है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद के खड़ाऊं बयान पर सीयासी पारा गरम है. बीजेपी लगातार खुर्शीद के बयान के बहाने राहुल गांधी को टारगेट करने का कोई मौका नहीं छोड़ रह रही है.
अलीगढ़ पहुंचे सलमान खुर्शीद, अपने बयान पर दी सफाई
इस बीच भारत जोड़ो यात्रा के मद्देनजर अलीगढ़ पहुंचे पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने राहुल गांधी की भगवान राम से तुलना करने वाले बयान पर मीडिया के सवाल के जवाब में कहा कि तुलना भगवान के साथ ना किसी की हो सकती है ना मैंने की लेकिन भगवान के आचरण और भगवान की जीवनी से कुछ सीख हमने ली है जो भारत की संस्कृति है. वो सीख यह ली है कि आपको अपने किसी महान नेता का आपके किसी आदर्श का अगर कहीं मैसेज पहुंचाना है उसके खड़ाऊ के समान बनके जाओ या उसकी खड़ाऊ ले जाओ. मैंने यह नहीं कहा कि में खड़ाऊं लेकर आया हूँ, हम सब खड़ाऊ लेकर आये हैं तो इसका मतलब यह नहीं कि खड़ाऊं जिसकी लाया हूँ वह भगवान राम है. मैं भगवान राम की तुलना किसी से नहीं कर सकता हूँ .
भगवान की तुलना तो क्या मैं तो महात्मा गाँधी से भी किसी की तुलना नहीं कर रहा हूँ, मैं तो किसी और बड़े व्यक्ति से किसी तुलना नहीं कर रहा हूँ. मैं कह रहा हूँ उनका आशीर्वाद मिला है पूरे समाज को उसमें कोई चीज अगर हम लेकर अपने सार्वजनिक जीवन में ला सकते हैं और सार्वजनिक जीवन का कल्याण कर सकते हैं तो उसमें किसी को आपत्ति हो सकती है? ये यूटर्न नहीं भगवान राम का अपमान मत करिए. मैंने कहा है, मैं यूटर्न नहीं लूंगा. मैंने कहा है कि मैं सम्मान करता हूँ, ये भारत की संस्कृति है. ये वो महान शक्ति है जिसको इकबाल ने इमाम के हिन्द कहा था. पहले इकबाल से कहिए वो वापस लें,तब हम आपसे बात करेंगे. आप मुझे दिखाओ तुलना की है.
अखंड भारत का सपना करेंगे साकार
अखंड भारत के सपने को साकार करने के सवाल के जवाब में कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा कि हम यह मानते हैं कि हमको शांति के साथ अपने पड़ोसियों के साथ रहना चाहिए हम कोई जल्लाद नहीं हैं विश्व के कि हम आस पड़ोस के पड़ोसियों को जाकर कहें कि हम तुम पर कब्जा करेंगे .अगर वो प्यार से आते हैं भारत का उदाहरण देखकर भारत की कार्यशैली देखकर वह भारत से आकर जुड़ना चाहते हैं निमंत्रण हम उनको दिलवा देंगे, जब हम सरकार में आएंगे हर व्यक्ति को हर धर्म को हर देश को एक अपना मत व्यक्त करने का अवसर होना चाहिये. हम विश्व में सब लोगों को लीडरशिप देना चाहते हैं तो हमें यह दिखाना होगा कि हम अपने पड़ोसियों के साथ रह सकते हैं और हम उम्मीद करते हैं कि हमारा पड़ोसी भी हमारे साथ इंसाफ करेगा.