Friday, October 24, 2025

Ajmer Sharif Dargah: ‘सभी के जीवन में खुशियाँ और शांति लाए’ इस दुआ के साथ पीएम ने भेजी चादर

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Ajmer Sharif Dargah: मस्जिदों और दरगाहों के नीचे मंदिर होने के दावों और उसको लेकर फैल रही नफरत के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के 813वां उर्स पर बधाई दी और अपनी ओर से चादर भेजते हुए कहा कि, यह अवसर सभी के जीवन में खुशियाँ और शांति लाए.

पीएम मोदी ने भेजी अजमेर शरीफ दरगाह के लिए चादर

पीएम ने ये चादर केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू और भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी को चादर सौंपी. जो इसे लेकर अजमेर शरीफ जाएंगे.

पीएम का संदेश लेकर केंद्रीय मंत्री जा रहे है अजमेर

केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू ने इसको लेकर एक पोस्ट भी एक्स पर लिखा, चादर की तस्वीर साझा करते हुए रिजिजू ने लिखा, “प्रधानमंत्री @narendramodi जी ने ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के उर्स पर अजमेर शरीफ दरगाह पर उनकी ओर से चढ़ाई जाने वाली चादर पेश की. यह भाव भारत की समृद्ध आध्यात्मिक विरासत और सद्भाव और करुणा के स्थायी संदेश के प्रति उनके गहरे सम्मान को दर्शाता है.”

अजमेर से पहले रिजिजू निज़ामुद्दीन औलिया की दरगाह पहुंचे

अजमेर जाने से पहले किरन रिजिजू दिल्ली की निज़ामुद्दीन औलिया दरगाह पर चादर चढ़ाने पहुंचे. इस मौके पर उन्होंने कहा कि, “मैं प्रधानमंत्री मोदी का चादर जो अजमेर शरीफ दरगाह ले जाना है. तो हम उसे लेकर जा रहे हैं तो उससे पहले निजामुद्दीन दरगाह होते हुए जाना अच्छा होता है. दरगाह में हम सबसे मिले और भविष्य के लिए दुआ मांगा. पीएम का मोहब्बत का जो पैगाम है इस संदेश को लेकर हम जा रहे हैं. देश में अमन-चैन हो और शांति हो तथा हमारा भविष्य अच्छा हो इस संदेश को लेकर हम जा रहे हैं. कल शनिवार को सुबह हम 11 बजे अजमेर शरीफ दरगाह में प्रधानमंत्री का चादर चढ़ाएंगे.”

प्रधानमंत्री ने 11वीं बार भेजी अजमेर चादर

प्रधानमंत्री बनने के बाद से नरेंद्र मोदी ने अजमेर शरीफ दरगाह पर 10 बार चादर चढ़ाई है. इस साल वे इस परंपरा में 11वीं बार शामिल होंगे. पिछले साल 812वें उर्स के दौरान तत्कालीन केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और जमाल सिद्दीकी के साथ मुस्लिम समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रतिनिधिमंडल ने उनकी ओर से चादर चढ़ाई थी.

दरगाह के शिव मंदिर होने को लेकर हो गया है विवाद

प्रधानमंत्री की ओर से चादर राजस्थान की एक अदालत में हिंदू सेना की याचिका स्वीकार किए जाने के एक महीने बाद उठाया गया है, जिसमें दावा किया गया था कि राजस्थान में स्थित अजमेर शरीफ दरगाह वास्तव में भगवान शिव का मंदिर है.
27 नवंबर 2024 को अजमेर की एक स्थानीय अदालत ने दरगाह को लेकर एक सिविल मुकदमे में तीन पक्षों को नोटिस जारी करने का आदेश दिया था. जिसके बाद 20 दिसंबर को, अजमेर शरीफ दरगाह समिति ने अजमेर में मुंसिफ कोर्ट में 5-पृष्ठ का आवेदन दायर किया, जिसमें अजमेर दरगाह के नीचे एक मंदिर के अस्तित्व का आरोप लगाने वाली याचिका को खारिज करने का आग्रह किया गया. इस मामले में अगली सुनवाई 24 जनवरी को निर्धारित की गई है.

अजमेर शरीफ में मनाया जा रहा है 813वां उर्स

वैसे इस विवाद के बीच हज़रत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती का 813वां उर्स 28 दिसंबर 2024 को शुरू हुआ और इसे बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है. पूरे भारत और विदेशों से श्रद्धालु यहां श्रद्धा प्रकट करने और आशीर्वाद लेने के लिए आ रहे हैं.
ऐसा माना जाता है कि उर्स के दौरान चादर चढ़ाना पूजा का एक शक्तिशाली रूप है. इससे आशीर्वाद मिलता है और मन्नतें पूरी होती हैं.

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