प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा में ठाकुर बांके बिहारी जी महाराज मंदिर परिसर व उसके आसपास के क्षेत्रों के विकास को लेकर हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस सुधीर नारायण को जांच कर अदालत में रिपोर्ट देने का अनुरोध किया है. कोर्ट ने विशेष सचिव धर्मार्थ कार्य उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दाखिल हलफनामा की प्रति जस्टिस सुधीर नारायण को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है ताकि वह विकास को लेकर सरकार के प्रस्ताव से वाकिफ होकर अपनी रिपोर्ट दे सकें.
यह आदेश चीफ जस्टिस राजेश बिंदल एवं जस्टिस जेजे मुनीर की खंडपीठ ने अनंत शर्मा व कई अन्य की तरफ से दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए पारित किया. प्रदेश सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने सरकार का पक्ष रखा तथा सचिव धर्मार्थ कार्य उत्तर प्रदेश की तरफ से हलफनामा दाखिल किया. दाखिल किए गए हलफनामे में मथुरा के बांके बिहारी मंदिर में भीड़ को सुव्यवस्थित करने को लेकर प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया है. कोर्ट ने सरकार के इस प्रस्ताव को रिटायर जज सुधीर नारायण को देने को कहा है ताकि वह इसका अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर सकें.
मंदिर के सेवादारों ने सरकार के इस विकास की कार्य योजना पर संदेह व्यक्त करते हुए अपने वकीलों के मार्फत कहा, उन्हें आशंका है कि सरकार मंदिर के प्रबंधन में विकास के नाम पर हस्तक्षेप न करे. कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया है कि वह रिटायर जस्टिस सुधीर नारायण को सारी सुविधाएं मुहैया कराएं ताकि वह अपनी रिपोर्ट दे सकें. कोर्ट ने आदेश की प्रति रिटायर जस्टिस सुधीर नारायण को देने के लिए रजिस्ट्रार अनुपालन हाईकोर्ट को निर्देश दिया है. कोर्ट इस याचिका पर अगली सुनवाई 16 दिसंबर 2022 को करेगी.