Friday, July 4, 2025

Kisan Mahapanchayat: किसानों का सरकार को अल्टीमेटम, मांगे नहीं मानी को फिर बंद कर देंगे एनएच

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सोमवार को हरियाणा के कुरुक्षेत्र में किसानों के इकट्ठा होने और सूरजमुखी के बीज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की मांग को लेकर महापंचायत की.
इस महापंचायत में हरियाणा के अलावा पंजाब, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के लगभग 50,000 किसान शामिल हुए. पिपली कस्बे में एकत्र हुए किसानों ने सरकार को अल्टीमेटम दिया कि अगर उनकी मांगों को नहीं सुना गया तो राष्ट्रीय राजमार्ग को फिर से बंद करने या कुरुक्षेत्र में सरकारी सचिवालय ब्लॉक करने का बड़ा फैसला लिया जा सकता है.

पहलवान बजरंग पुनिया भी पहुंचे महापंचायत में

महापंचायत में मौजूद लोगों में ओलंपिक पहलवान बजरंग पुनिया भी शामिल थे, जो भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने वालों में से एक हैं.
पुनिया ने किसानों को अपना समर्थन देते हुए कहा: “हम यहां किसानों का समर्थन करने आए हैं. हम भी किसान परिवारों से आते हैं. हम उन किसानों के साथ खड़े रहेंगे जो सड़कों पर खड़े हैं. हमने किसानों के विरोध के दौरान भी किसानों का समर्थन किया है और हम उनका समर्थन करते रहेंगे.”

खट्टर सरकार की 10 जून की घोषण से खुश नहीं है किसान

सूरजमुखी उत्पादक हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा 10 जून को घोषित राहत से खुश नहीं हैं, उन्होंने कहा कि यह कृषि संघों द्वारा बुलाई गई ‘महापंचायत’ को रोकने का प्रयास था.
किसान मांग कर रहे हैं कि राज्य सरकार उनकी सूरजमुखी की फसल को 6,400 रुपये प्रति क्विंटल के एमएसपी पर खरीदे, जैसा कि केंद्र सरकार ने 2022-23 के लिए फसल के लिए घोषणा की थी.

किसान हाइवे जाम नहीं कर रहे हैं-राकेश टिकैत

वहीं किसानों के सड़कों पर उतरने से दिल्ली-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग 44 पर यातायात प्रभावित हुआ. भीड़भाड़ से बचने के लिए हाईवे पर ट्रैफिक डायवर्ट किया गया था.
‘महापंचायत’ को संबोधित करते हुए, बीकेयू नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार को राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध करने के लिए गिरफ्तार किए गए किसान नेताओं को रिहा करना चाहिए और एमएसपी पर खरीद सुनिश्चित करनी चाहिए, या देश भर में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा.
किसान नेता राकेश टिकैत ने हालांकि कहा कि किसान हाइवे जाम नहीं कर रहे हैं. “यह सही नहीं है. राजमार्गों को अवरुद्ध नहीं किया जाना चाहिए. ”


किसान नेता टिकैत ने कहा, “हमारी केवल दो मांगें हैं, हिरासत में लिए गए किसानों को रिहा करें और एमएसपी पर सूरजमुखी के बीज खरीदना शुरू करें. हम सरकार के साथ चर्चा करने के लिए तैयार हैं.”
आपको बता दें , सोमवार सुबह महापंचायत के बाद पंजाब और हरियाणा के किसान और उनके समर्थक अपने ट्रैक्टरों पर बड़ी संख्या में सड़कों पर उतरे.
यहां पिपली अनाज मंडी में इकट्ठा हुए हरियाणा और पड़ोसी राज्यों पंजाब और उत्तर प्रदेश के प्रदर्शनकारी किसानों ने दावा किया कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सूरजमुखी के बीज नहीं खरीद रही है. नतीजतन, उन्हें अपनी उपज 6,400 रुपये एमएसपी के मुकाबले करीब 4,000 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से निजी खरीदारों को बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा.

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